शिक्षकों के नियोजन में फर्जीवाड़ा का जिन्न अब बाहर निकलेगा। इस संबंध बीते 12 साल की मेधा सूची तलब की गई है। इसको लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं पंचायत समिति को पत्र भेजा है। इन्हें सात जनवरी तक का समय दिया गया है।

350 से अधिक फर्जी शिक्षक

शिक्षकों की वर्ष 2003 से 2015 तक की अवधि में हुए शिक्षक नियोजन में 350 से अधिक फर्जी शिक्षक बहाल होने की बात है। सर्वाधिक 144 शिक्षक मीनापुर में बहाल हुए थे। इस संबंध में उच्च न्यायालय ने भी 2017 में वाद दाखिल हुआ था जिसमें उच्च न्यायालय ने बहाल शिक्षकों के प्रमाणपत्रों के साथ टीईटी परीक्षा में उत्तीर्ण की मेधा सूची के भी जांच के आदेश दिए थे। विगत तीन साल से फर्जी शिक्षक नियोजन को लेकर कागजी कार्रवाई चल रही है। इस दौरान दो दर्जन से अधिक शिक्षकों पर प्राथमिकी भी दर्ज हुई।

पेच यहां भी फंसा

पंचायत समिति द्वारा किए शिक्षक नियोजन की बैठक मीनापुर में तीन साल से नहीं हुई। इसी कारण वहां के फर्जी शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज होने के बावजूद आगे की कार्रवाई नहीं हुई।

डीईओ का निर्देश

जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) डॉ. विमल ठाकुर ने जारी आदेश में सात जनवरी तक वर्ष 2003 से 2015 तक के शिक्षक नियोजन संबंधी प्रखंड वार मेधा सूची व डिग्री प्रमाणपत्रों की प्रतिलिपि डीईओ कार्यालय में जमा करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं अवर निरीक्षक नगर क्षेत्र को पत्र भेजा है, जिसमें निगरानी जांच ब्यूरो के उपाधीक्षक के पत्र का हवाला दिया है।

Input : Dainik Jagran

 

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