बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जदयू का प्रदर्शन खराब रहा था। मुजफ्फरपुर में भी केवल एक सीट पर ही जीत मिली थी। उसे भी राजनीतिक प्रेक्षकों ने पार्टी की जीत की तुलना में प्रत्याशी की जीत करार दिया था। जिला समेत पूरे राज्य में पार्टी की सेहत सुधारने के लिए एक के बाद एक उपाय किए जा रहे हैं। उसी क्रम में अभी ही विधानसभा प्रभारियों की नियुक्ति कर चुनाव की तैयारी शुरू कर दी गई है। एकदम भाजपा वाले स्टाइल में। नए राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के इस कदम को एक तीर में कई शिकार के तौर पर देखा जा रहा है।

लवकुश समीकरण का खास ख्याल

दरअसल, जनता दल यूनाइटेड ने अभी अपने सभी विधानसभा प्रभारियों की घोषणा कर दी है। सीधे तौर पर तो इसे कमजोर हो रही पार्टी को मजबूत करने की दिशा में एक कदम कहा जा रहा है। लेकिन, इसके निहितार्थ और भी लगाए जा रहे हैं। मुजफ्फरपुर के संदर्भ में तो यह बात सटीक है। दल ने राष्ट्रीय और प्रदेश अध्यक्ष पद पर बदलाव के बाद लवकुश समीकरण को सख्ती से पकड़ने के संकेत दिए। उसके अनुसार ही मुजफ्फरपुर समेत पूरे सूबे के जिलाध्यक्षों को बदला गया। यहां भी रंजीत सहनी की जगह मनोज कुमार कुशवाहा के हाथों में कमान सौंपी गई। पार्टी के इस कदम से समाज के कुछ हिस्सों में असंतोष की आग महसूस की जा रही थी। माना जा रहा है कि इसे शांत करने के कदम के रूप में यह घोषणा की गई है।

दोतरफा संवाद व्यवस्था

मुजफ्फरपुर की बात की जाए तो गायघाट के अरुण कुमार सिंह, औराई के जयमंगल कुमार पटेल, मीनापुर के भोला सहनी, बोचहां के पंकज पटेल, सकरा के बनारसी ठाकुर, कुढ़नी के अशर्फी कुशवाहा, मुजफ्फरपुर के संजय गिरी, कांटी के लखन पटेल, बरूराज के सन्नी कुमार पटेल, पारू के शत्रुघ्न गुप्ता और साहेबगंज के बबन कुशवाहा विधानसभा प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। सरकार की योजनाओं की जानकारी कार्यकर्ताओं को देना, बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करना और लोगों की अपेक्षाओं को सरकार तक पहुंचाना इनकी जिम्मेदारी तय की गई है।

Source : Dainik Jagran

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD