जिले में 10 सालों से जब्त मादक पदार्थो का थानों में सही से रिकार्ड नहीं मिल रहा है। कई केसों के जांच अधिकारी बदलकर चले गए। मगर मामला लंबित पड़ा रह गया। लंबित मामलों की समीक्षा के दौरान मुख्यालय स्तर पर मामला पकड़े जाने पर 10 सालों के मामले में जब्त किए गए मादक पदार्थ की तलाश तेज कर दी गई है।
थानाध्यक्षों की परेशानी बढ़ गई
मुख्यालय के निर्देश मिलने के बाद थानाध्यक्षों की परेशानी बढ़ गई है। बताया गया कि आॢथक अपराध इकाई के एडीजी ने सभी आइजी, डीआइजी व एसपी को पत्र भेजा है। जिसमें कहा है कि सर्वाेच्च न्यायालय का आदेश है कि जब्त मादक पदार्थाें का त्वरित निष्पादन करना है। इसके लिए हाइकोर्ट की ओर से दो सदस्यीय समिति बनाई गई है। जिसके द्वारा हर माह में समीक्षा की जा रही है। इसलिए महीने के अंत में जब्त मादक पदार्थाें के निष्पादन की रिपोर्ट समिति के अवलोकन के लिए भेजना होता है। कहा गया कि गत कई सालों से रिपोर्ट नहीं भेजी गई है।
गत दिनों हाईकोर्ट की ओर से बनाई गई समिति की तरफ से समीक्षा के बाद मादक पदार्थाें के निष्पादन पर असंतोष जताया गया था। जिले के रिकार्ड पर गौर करें तो एक साल में जिले में 160 मामलों में 40 किलो से अधिक मादक पदार्थ जब्त किए गए। इसके अलावा तीन सौ से अधिक बदमाशों को हथियार व मादक पदार्थ के साथ पकड़ा जा चुका है। मगर जब्त मादक पदार्थ किसके पास रखा गया है। यह पता नहीं चल पा रहा है।
Source : Dainik Jagran