मुजफ्फरपुर में आखिरी दस दिनों से कोरोना का संक्रमण बढ़ा है, उससे पहले तक मुजफ्फरपुर कोरोना संक्रमण मुक्त था। संक्रमित मरीज़ों का आंकड़ा दुःखद तो था लेकिन मुजफ्फरपुरवालों ने उसमे भी कुछ मज़ा ढूंढ लिया, जैसे लगातार छः दिनों तक तीन-तीन ही संक्रमित मरीज़ कि पुष्टि होना और आखिरी दो दिनों से पाँच-पाँच का मिलना।लोगों ने तीन पाँच के इन आँकड़े में जिसे नजरअंदाज करते हुए तरजीह नहीं दिया वो है वर्षो से AES या चमकी बुखार से तड़प कर मरते आ रहे नन्हे बच्चों का आंकड़ा। ये आंकड़ा हज़ारों में है, पीड़ित मुख्यतः अत्यंत निर्धन परिवार से हैं और वजह का ठोस पता आज भी नहीं निकला है।
इतना अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा कभी मुजफ्फरपुर की शान लीची हो या बिहार के सुशासन माॅडल के वरदान गरीब के बच्चों के खाली पेट सो जाने के उपर घूम कर उसे ही वज़ह बना दोषी ठहरा जाता है। AES या चमकी बुखार मुजफ्फरपुर की लीची और ग़रीब कि गरीबी का उपहास करते हुए हर साल बच्चों को काल के गाल में झोंक चला जाता है।
हर वर्ष AES या चमकी बुखार अपने जाने से पहले जो छोड़ जाता था वो था पक्ष विपक्ष के नेताओं और नेशनल मीडिया का मुजफ्फरपुर में जमावड़ा और टीआरपी रुपी उनकी ग्लैमरस संवेदना। इस वर्ष चमकी बुखार पीड़ित वो नन्हीं लाशों के उपर का राजनीतिक गिद्ध नाच, जो नाच अभी कोरोना संक्रमितों और पलायन कर रहें मजदूरों पर हो रहा है ये होना तो अपेक्षित भी है लेकिन अचंभित कर रहा है आपका व्यवहार क्योंकि आप सब भी कोरोना के तीन पाँच में व्यस्त रहते हुए SKMCH मुजफ्फरपुर में भर्ती उन बच्चों के परिजनों कि चीख़ को नजरअंदाज कर रहें हैं।
आखिर क्यों उत्तर बिहार का यह अभीश्राप राजनीतिक मुद्दा नहीं बन पा रहा है? क्यों इतनी गंभीर बीमारी को हर वर्ष देखते हुए भी मुजफ्फरपुर में एम्स या SKMCH को एम्स का दर्जा नहीं मिल सका? चुनाव पिछले साल भी हुआ था इस साल भी होगा, क्यों नहीं आपसब जात पात, राजनीतिक समीकरण और गिर रहे, बन रहे सरकार के लिए वोट डालना छोड़ कर अपने मुद्दों के लिए वोट डालने का काम करतें हैं। जब-तक आप नहीं कुछ करेंगे तब-तक यह तीन-पाँच ज़ारी रहेगा कोरोना का नहीं तो चमकी बुखार का चमकी बुखार का नहीं तो राजनीति का, और आप सब फेसबुक, वाट्सएप और ट्विटर पर तीन-पाँच के इस आंकड़े कि आंकड़ेबाजी करके उसको लाईक, फारवार्ड, शेयर और कमेंट करा के हँसते-हँसाते मूल मुद्दे को दाबते रहने में अपना योगदान देने का काम अनवरत करते रहिएगा।