मुजफ्फरपुर पुलिस शराब मामले में सात माह से जब्त कार की चोरी की एफआईआर करने को लेकर सवालों के घेरे में आयी है। पुलिस ने न केवल जब्त कार की एफआईआर दर्ज की, बल्कि कार चोरी को सत्य बताकर एसीजेएम-2 के न्यायालय में फाइनल रिपोर्ट भी दाखिल कर दी। कांटी थाने की पुलिस और कार मालिक की मिलीभगत का सारा खेल तब खुला, जब कार चोरी के बीमा क्लेम की राशि का दावा ठोंका गया। इंश्योरेंस कंपनी ने क्लेम राशि के भुगतान से पहले मामले की जांच कराई।

इसमें बीमा कंपनी ने पुलिस और कार मालिक की साजिश के खेल को खोला। साथ ही बीमा कंपनी के पटना स्थित हेड कार्यालय के सेवा प्रबंधक राजीव रंजन प्रकाश ने इस प्रकरण में तीसरी एफआईआर दर्ज करायी है, जिसकी जांच का सुपरवीजन डीएसपी पश्चिमी आनंद कुमार कर रहे हैं। बीते साल 17 मई की रात 10:10 बजे चांदनी चौक के पास दूध लदी पिकअप वैन के चालक सादपुरा निवासी प्रकाश कुमार को घेरकर दो युवक मारपीट कर रहे थे। इसी दौरान ब्रह्मपुरा पुलिस की गश्ती टीम मौके पर पहुंची। पुलिस को देखकर दोनों युवक भागे। इसमें से एक बह्मपुरा के अभिषेक कुमार को पुलिस ने पकड़ा। दूसरा युवक भागकर एक सफेद रंग की कार में बैठ गया। कार में पहले से एक युवक सवार था। दोनों भागना चाहे तो पुलिस ने कार को घेरकर रोका। जांच में कार से राहुल कुमार और नेहाल कुमार पकड़ाया। कार से एक बोतल शराब मिली थी। राहुल नशे में था। तीनों को पुलिस ने जेल भेज दिया था और कार से एक बोतल शराब मिलने के कारण कार को जब्त कर राजसात की प्रक्रिया कर रही है। ब्रह्मपुरा थाने में जब्त इसी सफेद रंग की कार की चोरी हो जाने की एफआईआर नेहाल कुमार ने 23 फरवरी 2021 को कांटी थाने में दर्ज कराई।

कार चोरी की जांच तीन माह में पूरी कर पुलिस ने दी थी फाइनल रिपोर्ट : ब्रह्मपुरा के राहुल नगर मोहल्ला निवासी नेहाल ने एफआईआर में कांटी पुलिस को बताया था कि दामोदरपुर के शांति बिहार कॉलोनी में दोस्त अजय कुमार से मिलने गया था। कार उनके घर के बाहर खड़ी थी, जहां से चोरी हो गई। कार चोरी की जांच की जिम्मेवारी एएसआई निलेश कुमार को सौंपी गई। साथ ही कार चोरी के केस का सुपरवीजन कांटी थाने के इंस्पेक्टर ने किया। दोनों ने कार चोरी की वारदात को सत्य बताया। इसके आधार पर आईओ निलेश कुमार ने एसीजेएम-2 के न्यायालय में 31 मई 2021 को फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर दी।

तीसरी एफआईआर में मिलीभगत व साजिश की धारा नहीं

बीमा कंपनी के द्वारा कांटी थाने में पूरे खेल का खुलासा करते हुए दर्ज करायी गई एफआईआर में साजिश और मिलीभगत का दावा किया गया है। लेकिन, इसकी एफआईआर दर्ज करने में कांटी पुलिस ने साजिश और मिलीभगत की धारा 120 बी नहीं लगाई है। इस तरह पूरे प्रकरण को लेकर दर्ज की गई एफआईआर में भी धारा का खेल किया गया है। क्राइम के सीनियर वकील शरद सिन्हा ने बताया कि जब किसी मामले में कोई साजिश और मिलीभगत का आरोप बनता है तो इसमें आईपीसी की धारा 120 बी लगाना जरूरी है। अगर एफआईआर में यह धारा नहीं लगायी जाती है तो साजिश और मिलीभगत के अन्य आरोपियों को बचाने का खेल माना जाता है।

मामले की जांच डीएसपी पश्चिमी से करायी जा रही है। उनकी रिपोर्ट के आधार पर मामले में कार्रवाई की जायेगी। इस तरह के गंभीर मामले में सख्त अनुशासनिक कार्रवाई होगी, ताकि अन्य पुलिस कर्मी भी इससे सबक ले सकें। -गणेश कुमार, आईजी

Source : Hindustan

(मुजफ्फरपुर नाउ के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

umanag-utsav-banquet-hall-in-muzaffarpur-bihar

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *