मुजफ्फरपुर : उत्तर बिहार में सोमवार को भी बाढ़ का कहर जारी रहा। पश्चिम चंपारण व मुजफ्फरपुर में तीन तटबंध टूट गए। समस्तीपुर-दरभंगा खंड पर चौथे और सुगौली-मझौलिया खंड पर तीसरे दिन ट्रेनों का परिचालन ठप रहा। डूबने से 18 लोगों की मौत हो गई। इसमें पूर्वी चंपारण के छह, दरभंगा के चार, मुजफ्फरपुर के तीन, मधुबनी व समस्तीपुर के दो और शिवहर का एक है।

मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। शहर पर भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बंदरा प्रखंड के बड़गांव में रिंग बांध टूट गया। इससे पांच दर्जन से अधिक घर नदी की तेज धारा में बह गए। दर्जनों गांवों में पानी घुस गया। वहीं सकरा के जोगनी जागा में कदाने नदी का तटबंध टूट गया। मोतीपुर के भी आधा दर्जन गांव पानी से घिरे हैं। मीनापुर की 21 पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस गया है। डीएम डॉ.चंद्रशेखर सिंह ने मुशहरी में रजवाड़ा स्लूस गेट व बूढ़ी गंडक तटबंध का जायजा लिया। इस बीच, गायघाट, बंदरा और कुढ़नी में डूबने से तीन लोगों की मौत हो गई। वहीं पश्चिम चंपारण में गंडक का जलस्तर 2.21 लाख क्यूसेक रहा। मझौलिया में रविवार रात कोहड़ा नदी का बढ़ने से तटबंध टूट गया। करीब तीन सौ घरों में पानी घुस गया है। हालांकि, ग्रामीणों ने तटबंध की मरम्मत की। प्रशासन ने लोगों को अलर्ट किया है।

 

  • बांध टूटने से बंदरा में तेज धारा में बह गए पांच दर्जन से अधिक घर
  • मोतीपुर के आधा दर्जन गांव पानी से घिरे, गायघाट, बंदरा और कुढ़नी में तीन की मौत

जिन तटबंधों पर बाढ़ के पानी का दबाव है, वहां जल संसाधन विभाग के इंजीनियर अलर्ट मोड में रहें। तटबंधों के समीप निर्माण सामग्री की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें ताकि प्रतिकूल स्थिति में आपातकालीन मरम्मत की जा सके। – CM

Input : Hindustan

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