डेढ़ दशक के लंबे इंतजार के बाद ग्रेटर मुजफ्फरपुर का सपना साकार हो गया है। मंगलवार को सरकार ने नगर निगम क्षेत्र के विस्तार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद शहर से सटे मुशहरी एवं कांटी प्रखंड की. 16 पंचायतों के 47 गांवों का पूर्ण एवं आंशिक हिस्सा नगर निगम में शामिल हो गया है। विस्तार के बाद अब वार्डो का नए सिरे से परिसीमन होगा एवं वार्डो की संख्या 49 से बढ़कर 72 हो सकती है।

निगम क्षेत्र के विस्तार का प्रस्ताव पहली बार मई 2006 में सरकार को भेजा गया था। जुलाई 2008 में निगम सशक्त स्थायी समिति एवं निगम बोर्ड ने प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की थी।

शहरी परिवेश का रूप धारण करने के बाद भी शहर की सीमा से बाहर रहने वाले सीमावर्ती क्षेत्रों को शामिल कर ‘ग्रेटर मुजफ्फरपुर’ बनाने का निर्णय वर्ष 2006 में लिया गया था। सरकार ने भी इस तरह का प्रस्ताव सभी शहरी निकायों से मांगा था। इसी आलोक में नगर निगम ने 16 मई, 2006 को ग्रेटर मुजफ्फरपुर का प्रस्ताव सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा। सरकार के पास यह प्रस्ताव दो सालों तक लंबित रहा। जून 2008 में सरकार को सुध आई और उसने निगम को पत्र लिखकर शहर के विस्तार के प्रस्ताव को निगम बोर्ड से पारित कराकर भेजने का निर्देश दिया। जुलाई 2008 में निगम सशक्त स्थायी समिति एवं निगम बोर्ड ने प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी। उसके बाद यह प्रस्ताव नगर निगम एवं सरकार के बीच दौड़ रहा था।

ग्रेटर मुजफ्फरपुर में शामिल किए गए क्षेत्र: कांटी एवं मुशहरी अंचल के 42 गांवों से 20.945 वर्ग किमी क्षेत्र एवं 97 हजार की आबादी ग्रेटर मुजफ्फरपुर में शामिल किया गया है। शहर से सटे कांटी अंचल के दादर कोल्हुआ, पैगंबरपुर कोल्हुआ, सदातपुर, बैरिया, दामोदरपुर, चकमुरमुर, फतेहपुर, मुरादपुर, चैनपुर तथा मुशहरी अंचल के सिकंदरपुर, चकगाजी, सहबाजपुर सलेम, मुरादपुर दुल्लाह, अहियापुर, गणोशपुर, शेखपुर, नाजीरपुर, चंदवारा, चकमोहब्बत, बारा जगन्नाथ, राघोपुर, मझौली धर्मदाश, शेखपुर उर्फ नारायणपुर अनंत, शेरपुर, रतवारा, गन्नीपुर, मोहम्मदपुर काजी, भिखनपुर डीह, चंदवारा, चक मोहब्बत, बड़ा जगन्नाथ, राधोपुर, मझौली धर्मदास, कोठिया दाखिली, रोहुआ अपूछ, धरहर छपड़ा, भगवानपुर, एवं गोबरसही शामिल है।

क्षेत्र विस्तार से निगम एवं जनता हो होने वाले लाभ :

  • निगम के आय में वृद्धि।
  • राज्य एवं केंद्र सरकार से अधिक लाभ प्राप्त हो सकेगा।
  • आबादी एवं क्षेत्र के आधार पर शहर को केंद्रीय योजनाओं में मिलेगी प्राथमिकता।
  • नए क्षेत्र के लोगों को मिलेगी शहर क्षेत्र की तरह बुनियादी सुविधाएं।
  • विभिन्न प्रकार के कार्यो के लिए प्रखंड का चक्कर लगाने से मिलेगी मुक्ति।
  • शहरी योजनाओं का मिलेगा लाभ।
  • निगम द्वारा लगाए जाने विभिन्न प्रकार के कर के दायरे में आ जाएंगे नये क्षेत्र के मकान।

निगम क्षेत्र के विस्तार से निगम के साथ-साथ लोगों को भी लाभ मिलेगा। एक तरफ जहां निगम के राजस्व में वृद्धि होगी वहीं शहरी स्वरूप ले चुके इलाके के लोगों को निगम की सेवाओं का लाभ मिल पाएगा।

-राकेश कुमार, महापौर

निगम क्षेत्र के विस्तार से सबको लाभ मिलेगा। शामिल होने वाले इलाके को निगम की सुविधाएं उपलब्ध होगी। साथ ही निगम को दोहरा लाभ मिलेगा। एक ओर जहां निगम राजस्व में वृद्धि होगी वहीं सरकार से निगम को अधिक सहायता मिलेगी।

– मानमर्दन शुक्ला, उप महापौर

Source : Dainik Jagran

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