मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में दिल्ली का साकेत कोर्ट आज फैसला सुनाने वाला था। लेकिन, अब कोर्ट ने फिलहाल यह फैसला टाल दिया है, अब कोर्ट ने इसकी अगली तारीख 12 दिसंबर रखी गई है। साकेत कोर्ट ने पहले बताया था कि बाल दिवस के अवसर पर पी’ड़ित बच्चियों को इंसाफ मिलेगा, लेकिन साकेत कोर्ट के वकीलों के प्रदर्शन के कारण 14 नवंबर को आने वाला फैसला दो दिनों के लिए टल गया है।

मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में दिल्ली की साकेत अदालत ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाने की संभावना जताई थी। इसे गुरुवार के लिए सूचीबद्ध किया गया था, लेकिन पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच हाल ही में हुई झड़पों के बाद यहां सभी छह जिला अदालतों में वकीलों की हड़ताल अभी तक समाप्त नहीं हुई है। ऐसे में फैसले की तिथि टल गई है।

अदालत ने 30 सितंबर को सीबीआई के वकील और 11 आरोपियों के मामले में अंतिम बहस के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था। बालिका गृह में कई लड़कियों के साथ यौन और शारीरिक हमले का आरोप है। इस मामले में ब्रजेश ठाकुर मुख्य आरोपी है। फैसले पर हाेने वाली सुनवाई के लिए शहर के कई अधिवक्ता और ब्रजेश ठाकुर समेत अन्य आराेपियाें के परिजन दिल्ली पहुंच चुके हैं।

यह मामला 7 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मुजफ्फरपुर की स्थानीय अदालत से दिल्ली के साकेत जिला अदालत परिसर में पॉक्सो कोर्ट में स्थानांतरित किया गया था। इसमें बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री और तत्कालीन जदयू नेता मंजू वर्मा को भी आरोपों का सामना करना पड़ा था। इसमें आरोप था कि ब्रजेश ठाकुर का मंत्री के पति पति के साथ नजदीकी थी।

सीबीआई ने विशेष अदालत को बताया था कि मामले के सभी 21 आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। मामले की सुनवाई में काेर्ट में पीड़ित किशाेरियाें का बयान दर्ज कराया जा चुका है। कई किशाेरियां आराेपियाें काे देखकर चिह्नित भी कर चुकी हैं।

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