उत्तर बिहार में बाढ़ रौद्र रूप दिखाने लगी है। शनिवार को रेलवे ट्रैक पर बाढ़ पानी आ जाने के कारण मुजफ्फरपुर सगौली रेलखंड पर परिचालन ठप हो गया है। रूट डायवर्ट कर आधा दर्जन ट्रेनों को चलाया जाएगा। इससे पहले शुक्रवार को रेल पुल से बाढ़ का पानी टकराने के कारण दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन ठप हो गया है। समस्तीपुर से ट्रेनें अब सीतामढ़ी रूट होकर चलायी जा रही हैं। वहीं पूर्वी चंपारण के सुगौली में भी रेल ट्रैक पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है, हालांकि यहां किसी तरह परिचालन जारी रखा गया है। इधर, बाढ़ से कई जिलों में बांध व सड़क टूटने का सिलसिला जारी रहा।
इन ट्रेनों को किया गया डायवर्ट
1- दिल्ली से 24/07/2020 गोरखपुर-सीवान-छपरा-हाजीपुर-मुजफ्फरपुर के रास्ते गोरखपुर-नरकटियागंज-सुगौली-मुजफ्फरपुर के बजाय डायवर्ट किया गया है।
2- 02557 मुजफ्फरपुर-सगौली-नरकटियागंज-गोरखपुर के बजाय मुजफ्फरपुर-हाजीपुर-छपरा-सीवान-गोरखपुर के रास्ते मुजफ्फरपुर से 25/07/2020 को शुरू होने वाली मुजफ्फरपुर-दिल्ली सप्त क्रांति एक्सप्रेस की यात्रा को डायवर्ट किया गया है।
3- 05273 रक्सौल-दिल्ली सत्याग्रह एक्सप्रेस रक्सौल से 25/07/2020 को शुरू होने वाली विशेष यात्रा रक्सौल-सिकटा-नरकटियागंज के बजाय रक्सौल-सुगौली-नरकटियागंज के रास्ते से डायवर्ट किया गया है।
4- 05274 दिल्ली-रक्सौल सत्याग्रह एक्सप्रेस दिल्ली से 24/07/2020 को शुरू होने वाली विशेष यात्रा नरकटियागंज-सिकटा-रक्सौल के बजाय नरकटियागंज-सुगौली-रक्सौल के रास्ते चलाई जा रही है।
5- 09039 बांद्रा टर्मिनस-मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस बांद्रा टर्मिनस से 23/07/2020 को शुरू होने वाली विशेष यात्रा को गोरखपुर-नरकटियागंज-सुगौली-मुजफ्फरपुर के बजाय गोरखपुर-छपरा-हाजीपुर-मुजफ्फरपुर के माध्यम से परिवर्तित किया गया है।
6- 09040 मुजफ्फरपुर-सगौली-नरकटियागंज-गोरखपुर की बजाय मुजफ्फरपुर-हाजीपुर-छपरा-गोरखपुर के रास्ते मुजफ्फरपुर-2620/2020 को शुरू होने वाली मुजफ्फरपुर-बांद्रा टर्मिनस एक्सप्रेस विशेष यात्रा मुजफ्फरपुर-हाजीपुर-छपरा-गोरखपुर के रास्ते परिवर्तित की गई है।
दरभंगा में हायाघाट व थलावारा स्टेशन के बीच मुंडा रेल पुल के गर्डर से बागमती का पानी टकराने के कारण इस रेल खंड पर ट्रेनों का परिचालन अगले आदेश तक के लिए रोक दिया गया है। पुल के गर्डर की निचली सतह से लगभग 15 सेमी ऊपर तक पानी टकरा रहा है। इससे पुल पर भारी जलदबाव है। इस रूट में जयनगर-अमृतसर, दरभंगा-नई दिल्ली, दरभंगा लोकमान्य तिलक टर्मिनल, व दरभंगा अहमदाबाद ट्रेनों का परिचालन हो रहा था। अब इन ट्रेनों को सीतामढ़ी के रास्ते चलाया जा रहा है। वहीं जिले के बहादुरपुर प्रखंड के चरिरया में बांध टूटने से बागमती नदी का पानी पांच पंचायतों में फैल गया है। इससे 20 हजार आबादी प्रभावित हुई है।
उधर पूर्वी चंपारण में सुगौली रेलवे स्टेशन के ट्रैक पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है, हालांकि वहां अभी परिचालन जारी रखा गया है। मोतिहारी में डुमरिया घाट में एनएच 28 स्थित अर्द्ध निर्मित पुल के एप्रोच पथ में भी कटाव शुरू हो गया है। प्रशासन ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से इस राजमार्ग पर परिचालन को रोक दिया है। जबकि तेतरिया प्रखंड की मेधुआ पंचायत में सड़क ध्वस्त हो गई है। बीती रात संग्रामपुर प्रखंड के निहाली टोला में चंपारण बांध टूटा गया। बांध और दूरी में टूटते रहने और पानी फैलने से दिन भर इलाके में अफरातफरी मची रही। वहीं अरेराज-हाजीपुर एसएच 74 पर भी बाढ़ का पानी तीन से चार फुट चढ़ गया है, जिससे आवागमन बाधित हो गया है।
वहीं वाल्मीकिनगर बराज से शुक्रवार को 2.54 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद पश्चिम चंपारण के बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में स्थिति और खराब हो गई। बैरिया में नदी के लबालब होने से बांध टूटने का खतरा देख रेनकट पर बालू भरे बोरे रखे जा रहे हैं। लौरिया रामनगर, लौरिया नरकटियागंज पथ पर आवागमन बाढ़ का पानी चढ़ने से बंद हो गया है। वहीं बेतिया-सिकटा-मैनाटांड पथ पर भी तीन फीट पानी बह रहा है। इन दोनों प्रखंडों का सड़क संपर्क जिला मुख्यालय से भंग हो गया है। मुजफ्फरपुर के कटरा व औराई की कई पंचायतों का सड़क संपर्क मुख्यालय से भंग हो गया है।
नदियों का जलस्तर खतरे से ऊपर, डेढ़ लाख लोग विस्थापित
पिछले दो दिनों तक नेपाल में भारी बारिश व बराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने से उत्तर बिहार में स्थिति भयावह हो गई है। उत्तर बिहार में गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, लखनदेई, मनुषमारा, सिकटा,अधवारा, ओरिया सहित सभी नदियां लबालब भर गई हैं और खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। उत्तर बिहार में मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण व पश्चिम चंपारण में कुल मिलाकर करीब डेढ़ लाख आबादी प्रभावित हुई है। इन इलाकों के लोगों ने सामुदायिक भवन, स्कूल, बांध व सड़कों पर शरण ले रखा है। जिलों में राहत व बचाव कार्य शुक्रवार दोपहर बाद शुरू किया गया है। बांध के टूट स्थल व रेन कट वाले स्थलों की मरम्मत जल संसाधन विभाग से कराया जा रहा है। बाढ़ पीड़ितों का अभी कोई स्थायी ठिकाना नहीं बने रहने के कारण आपदा विभाग के निर्देश के अनुसार उनकी स्वास्थ्य जांच अभी नहीं हो रही है।
Input : Hindustan