यह खबर है माता-पिता की सेवा के लिए बेटे के संकल्प की। माता-पिता को ऑक्सीजन समय पर मिले और उनके सांसाें की डाेर चलती रहे, इसलिए बेटा एसकेएमसीएच के ऑक्सीजन स्टाेर में काम कर रहा है। दरअसल, चार दिन पहले समस्तीपुर के अविनाश शर्मा और अंजुला शर्मा कोरोना से संक्रमित होने के कारण एसकेएमसीएच में भर्ती हुए। ऑक्सीजन लेवल 55-60 के बीच हाेने से दोनों को ऑक्सीजन की ज्यादा जरूरत थी। माता-पिता को आसानी से ऑक्सीजन मिले, इसके लिए प्रिंस ऑक्सीजन स्टोर में नौकरी ढूंढ़ने लगा।

उसनेे खबड़ा रह रहे अपने मामा से मदद मांगी। उनसे बात कर ऑक्सीजन स्टोर में नौकरी दिलवाने के लिए कहा। उसके मामा ने एसकेएमसीएच के अधीक्षक से बात की और ऑक्सीजन स्टोर रूम में उसे काम मिल गया। इसके बाद वह मरीजों के लिए भी ऑक्सीजन स्टोर के बाहर छोटे सिलेंडर री-फीलिंग करता है और माता-पिता के लिए भी ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराता है। प्रिंस एक भाई, एक बहन है। बहन माता-पिता के बीच रहती है। प्रिंस मैट्रिक पास है। उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है।

अभी ताे बस सेवा है, नाैकरी फिर मिल जाएगी

प्रिंस के अनुसार, एसकेएमसीएच में ऑक्सीजन को लेकर मारामारी थी। छोटे सिलेंडर की व्यवस्था खुद करनी पड़ती थी। री-फीलिंग के लिए नर्सिंग स्टाफ के हस्ताक्षर और लंबी कतार लगानी पड़ती थी। इस पर उसने सोचा कि यहीं नौकरी मिल जाए तो आसानी से ऑक्सीजन मिल जाएगी अाैर दूसरे लाेगाें की भी सेवा हाे जाएगी। इसके बाद उसने नौकरी की तलाश की और फिलहाल बिना वेतन नौकरी शुरू की। ऑक्सीजन सप्लायर ने उसे कहा, पहले काम देखेंगे, इसके बाद वेतन के बारे में बताएंगे। हालांकि, प्रिंस का कहना है, भगवान से प्रार्थना है कि माता-पिता स्वस्थ हाे जाएं। नौकरी तो फिर मिल जाएगी।

Input: Dainik Bhaskar

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