राष्ट्रीय राजमार्गो के विस्तार और विकास को लेकर आइएमटी मानेसर में आयोजित दो दिवसीय मैराथन बैठक में बिहार के लिए तीन महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। पहला पटना-गया-डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण हर हाल में अक्टूबर तक फिर से शुरू कर दिया जाएगा। दूसरा हाजीपुर-मुजफ्फरपुर रोड पर सराय मार्केट में अंडरपास का निर्माण अगले सप्ताह से शुरू कर दिया जाएगा। तीसरा यह कि मुजफ्फरपुर-हाजीपुर बाइपास का निर्माण अब भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) द्वारा नहीं किया जाएगा। मुआवजे के फेर ने एनएचएआइ को हाथ पीछे खींचने के लिए मजबूर कर दिया है।
बैठक के दौरान केंद्रीय भूतल सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बिहार से संबंधित एनएचएआइ के सभी प्रोजेक्ट पर चर्चा की। सबसे अधिक चर्चा मुजफ्फरपुर-हाजीपुर बाइपास पर की गई। यह हाजीपुर-मुजफ्फरपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगभग 14 किलोमीटर का भाग है। लंबे समय से मुआवजे को लेकर रस्साकशी चल रही है। जिनकी जमीन है, वह नए एक्ट के मुताबिक मुआवजा चाहते हैं, लेकिन इससे प्रोजेक्ट की राशि काफी अधिक हो जाएगी। इस बारे में कई दौर की वार्ता हुई, पर बात नहीं बनी। इस चक्कर में जो प्रोजेक्ट पांच साल पहले पूरा होना चाहिए था, अब तक लटका है। इसे देखते हुए एनएचएआइ ने मुजफ्फरपुर बाइपास का निर्माण करने से हाथ पीछे खींच लिया। 127 मीटर लंबा पटना-गया-डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग को चार लेन बनाने का काम अक्टूबर से हर हाल में फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इससे पहले सारी बाधाओं को दूर किया जाएगा। एनएचएआइ के चेयरमैन से लेकर संबंधित सभी वरिष्ठ अधिकारी समय-समय पर इसके लिए संवाद करेंगे। रि-अवार्ड का काम अंतिम चरण में है। पहले निर्माण की जिम्मेदारी आइएलएफएस नामक कंपनी को सौंपी गई थी, पर वह उम्मीदों पर खड़ी नहीं उतरी। निर्माण बीच में रुकने से राजमार्ग में काफी गड्ढे बन गए हैं। इससे दुर्घटनाएं बढ़ गई हंैं। हाजीपुर-मुजफ्फरपुर रोड पर सराय मार्केट में अंडरपास का निर्माण अगले सप्ताह से हर हाल में शुरू कर दिया जाएगा। इस बारे में जो भी दिक्कतें थीं, वह दूर कर ली गईं। लंबे समय से अंडरपास निर्माण की मांग चल रही है।
निर्माण की राह में रोड़ा
- एनएच के विस्तार व विकास को लेकर गुरुग्राम में हुई बैठक में बिहार के लिए तीन महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए
- हाजीपुर-मुजफ्फरपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के 14 किलोमीटर भाग के मुआवजे को लेकर चल रही रस्साकशी
मुजफ्फरपुर-हाजीपुर बाइपास का निर्माण करना संभव नहीं है। निर्माण जल्द पूरा हो, इसके लिए काफी प्रयास हुए, पर सफलता नहीं मिली। इसे देखते हुए फैसला हुआ कि बाइपास का निर्माण एनएचएआइ नहीं करेगी।-नितिन गडकरी, केंद्रीय भूतल सड़क परिवहन मंत्री
गड्ढे में तब्दील हुई सड़क, निर्माण पूरा होने का इंतजार
मुजफ्फरपुर-हाजीपुर बाइपास का निर्माण कार्य मुआवजे के पेच में फंस कर रह गया है। लोग इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर करीब 14 किमी की सड़क का लंबे से निर्माण कार्य पूरा होने के इंतजार में हैं, ताकि गड्ढे में तब्दील इस मार्ग में हिचकोले खाने से उन्हें निजात मिल सके। समस्या के समाधान को लेकर कई बार वार्ता हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका। मामला मुआवजा पर आकर फंस जाता। जमीन वाले नए एक्ट के मुताबिक मुआवजा चाहते हैं। इसके कारण पांच साल में पूरा होने वाला प्रोजेक्ट अबतक लटका हुआ है। एनएच-77 हाजीपुर-मुजफ्फरपुर खंड में कुल लंबाई 66 किलोमीटर है। इसमें मधौल-सदातपुर बाइपास सड़क करीब 14 किलोमीटर लंबी है। 2009 में इस कार्य की शुरुआत हुई और इसे 2013 तक पूरा हो जाना था। इस समय इसकी लागत करीब 671 करोड़ आंकी गई थी। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी मो. उमैर ने बताया कि पटना रोड में मधौल के आगे के लंबित निर्माण काम को लेकर एक्ट के अनुसार प्रस्ताव बनाकर एनएचएआइ को प्रतिवेदन भेजा जा चुका है। कई बार स्मार पत्र भी भेजा गया। लेकिन एनएचएआइ के पास मामला लंबित है। इसके वजह से आगे का काम नहीं हो रहा है।
Input : Dainik Jagran