मुजफ्फरपुर शे’ल्टर हो’म मा’मले में एक ब’ड़ी बात सामने आ रही है। इस मा’मले की जां’च कर रही सीबीआइ ने सुप्रीम को’र्ट से कहा है कि बा’लिका गृ’ह में कुछ ल’ड़कियों की दु’ष्क’र्म के बाद ह’त्या कर श’व को जमीन में गा’ड़ देेने का श’क जताया गया था, वो सही नहीं निकला है। जिन ल’ड़कियों की ह’त्या का श’क जताया गया था, वो सारी जी’वित पाई गई हैं। वहां जमीन से ब’रामद ह’ड्डियां व’यस्कों की पाई गई हैं।

सीबीआई की तरफ से पेश हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने दावा किया है कि इस केस में हत्या का कोई सबूत नहीं मिला और सभी 35 लड़कियों को जीवित पाया गया है। सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि शेल्टर होम में किसी लड़की की मौत नहीं हुई थी। इस केस में सुनवाई फिलहाल जारी है।

इस कांड में ब्रजेश ठाकुर समेत कई अन्य आरोपी शामिल हैं। टिस की रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि ब्रजेश ठाकुर द्वारा चलाए जा रहे बालिका गृह में 40 से अधिक नाबालिग लड़कियों का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया गया था। जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में उसका साथ देनेवाली मधु कुमारी सहित कई अन्य लोग भी जेल में बंद हैं।

बता दें कि इस कांड में शेल्टर होम के कर्मचारी और बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के अधिकारी भी आरोपी बनाए गए थे। मामले के सुर्खियों में आने के बाद बिहार सरकार ने इसकी जांच सीबीआइ से कराने की मांग की थी जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकार लिया था। उसके बाद इस केस पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था और मामले को बिहार से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया था।

कोर्ट ने 20 मार्च 2018 को मामले में आरोप तय किए थे। कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर समेत 21 आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो, रेप, आपराधिक साजिश और अन्य धाराओं के तहत आरोप तय किए थे।

Input : Dainik Jagran

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