शहर को जलजमाव से मुक्ति दिलाने के लिए साढ़े 3 साल से स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम बनाने की कवायद चल रही है। तीन बड़े ड्रेन और तीन स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए खजाने में 183.40 करोड़ रुपए पड़े हैं।
लेकिन, जमीनी हकीकत यही है कि दिघरा, फरदो और मणिका में से किसी भी ट्रीटमेंट प्लांट का काम शुरू तक नहीं हाे सका है। फरदो और मणिका में जमीन की ही तलाश चल रही है। मिठनपुरा-बेला में एक ड्रेन का काम ढाई साल पहले शुरू हुआ, पर अब तक महज 12 प्रतिशत काम हाे सका है।
उल्लेखनीय है कि अमृत योजना से 22.40 किलोमीटर ड्रेन के साथ तीन स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया लाना है। बुडको ने इसके लिए 31 मई 2019 को दाे एजेंसियों से करार किया। काम दो साल में पूरा कर लेना था। लेकिन, अब तक जमीन ही नहीं मिली है।
मिठनपुरा-दिघरा के बीच काम की गति काफी धीमी है। निर्माण एजेंसी की दलील है कि कोरोना की वजह से एक साल काम नहीं हुआ। अब बिजली पोल शिफ्टिंग और शटडाउन नहीं मिलने के कारण परेशानी हो रही है। बारिश से पहले काम पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।
दिघरा में टोपोग्राफी सर्वे पूरा
दिघरा में प्रस्तावित ट्रीटमेंट प्लांट के लिए जमीन ताे पहले मिल गई, पर एनओसी अब मिला है। मिट्टी जांच अाैर टोपोग्राफी सर्वे इसी सप्ताह पूरा हुआ है। बरसात से पहले ट्रीटमेंट प्लांट नहीं बन सकता है। एजेंसी का दावा है कि ड्रेनेज बन गया, तो पानी पंपिंग कर दिघरा नहर में डाल दिया जाएगा।
वाटर ड्रेनेज ट्रीटमेंट प्लांट को फिर से बुडको ने नहीं मांगी जमीन : डीएम
डीएम प्रणव कुमार ने कहा कि मणिका में स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के लिए जमीन दी गई थी। विवाद की वजह से काम बंद हुआ। बुडको ने जमीन के लिए फिर से संपर्क नहीं किया है। जमीन मांगने पर निश्चित रूप से उपलब्ध कराई जाएगी।
जितनी देर चाहिए, उतनी देर किया जाएगा शटडाउन : एनबीपीडीसीएल
एनबीपीडीसीएल के एक्जक्यूटिव इंजीनियर पंकज कुमार ने कहा कि कल ही वर्कऑर्डर जारी हुआ है। बुडको ने पहले से शटडाउन नहीं मांगा। गुरुवार से ही ड्रेनेज बनाने के लिए जितनी देर बिजली बंद करने की जरूरत होगी, शटडाउन दिया जाएगा। उस इलाके में भी बिजली प्रभावित नहीं होगी। वैकल्पिक व्यवस्था कर ली गई है।
22 किमी की दूरी में बनाए जाने हैं तीन ड्रेनेज 05 साै मीटर में ही अब तक हाे सका है इसका काम 12% ही ढाई साल में बना मिठनपुरा-बेला ड्रेन इन तीन जगहाें पर बनना है वाटर ट्रीटमेंट प्लांट
Input: Dainik Bhaskar