सर पांच दिन से परेशान हैं. खाना-पीना सब छोड़े हुए हैं. बहुत गरीब हैं. मालिक पैर पकड़ते हैं हम कहां से इतना फाइन देंगे. बहुत गरीब लोग है ढाई महीना पहले पत्नी के नाम पर महिला बंधन बैंक से लोन लेकर 30 हजार में सेकेंड हैंड ऑटो खरीदे हैं. अब इ 22,500 रुपये जुर्माना कहां से देंगे. गाड़ी धोने में परमिट का पेपर खराब हो गया. हमारा ड्राइवर गाड़ी छोड़ कर भाग गया. यह गुहार बड़का गांव से आये देवानंद महतो व उनकी पत्नी रंजू देवी डीटीओ चैंबर में गुहार लगा रही थी. टावर पर इनका ऑटो पकड़ाया और टाउन थाना में लगा है. वहां से कागज लेकर आये हैं, तो इतना फाइन हो गया.

ऑटो मालिक की पत्नी ने रोते हुए कहा कि हम कर्जा पइचा लेकर पांच हजार रुपया लेकर अइली केहु तरह एकरा खत्म कर दूं, हम गरीब मर जायेंगे. ऑटो मालिक ने कहा कि हम झाड़ू बनाने का काम करते हैं. पत्नी को बैंक से लोन मिला तो सोचे कि एक ऑटो खरीद लेंगे, तो कुछ और पैसा हो जायेगा. डीटीओ मो नजीर अहमद ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत कराया. कहा कि आपके लिए आपके सामने पूरी धारा की किताब पढ़ कर सबसे कम जुर्माना लगाया गया है. इससे कम नहीं कर सकते हैं. इसके बाद ऑटो मालिक देवानंद अपनी पत्नी के साथ मायूस चेहरा लेकर वापस लौटे.

Input : Prabhat Khabar

 

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