मुजफ्फरपुर जिला अधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह के द्वारा मुजफ्फरपुर कोषागार कार्यालय का निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण के दौरान उनके साथ सहायक समाहर्ता खुशबू गुप्ता, कोषागार पदाधिकारी और सहायक कोषागार पदाधिकारी मौजूद थे। आपको बता दें कि वर्ष में कम से कम एक बार कोषागार का निरीक्षण जिला अधिकारी के द्वारा करना अनिवार्य है। इससे पहले भी साल 2016 वर्ष में जिलाधिकारी धर्मेंद्र सिंह के द्वारा इसका निरीक्षण किया गया था। जहां इस बार साल 2020 में यह निरीक्षण जिलाधिकारी द्वारा संपन्न हुआ। इस निरीक्षण के दौरान जिन भी कर्मियों के स्थानांतरण पद स्थापन के कारण जून महीने की पेंशन मिलने में देरी हुई थी उनका भुगतान 16 जुलाई को कर दिया गया है, जहां जिलाधिकारी ने साफ तौर पर यह निर्देश जारी किया है कि हर माह के अंतिम कार्य दिवस और अगले माह के प्रथम कार्य दिवस तक नियमित रूप से पेंशन का भुगतान करना अनिवार्य सुनिश्चित किया गया है।
पेंशन की समीक्षा के क्रम में एक नई बात सामने आई है कि महालेखाकार, बिहार से स्वीकृत होने के बाद भी 96 पेंशन के मामले अभी भी लंबित पाए गए हैं। उनमें से 17 तो ऐसे मामले मिले हैं जो पिछले 3 साल से पेंडिंग पड़े हैं और बाकी के बचे 10 मामले ऐसे हैं जिनकी पिछले 1 वर्ष में कोई पूछ नहीं हुई है। इस बारे में जिलाधिकारी द्वारा नाराजगी के साथ निर्देश दिया गया कि पेंशन से जुड़े जो भी लंबित मामले हैं उन पर शीघ्र कार्रवाई करें और सीनियर सिटीजन को ज्यादा भागीदारी ना करा कर, उनका पेंशन सुनिश्चित करें।
वही कर्मियों की उपस्थिति सही समय पर हो इसके लिए बायोमेट्रिक डिवाइस लगाने की बात कही गई है, जिसमें व्यक्ति के चेहरे के पहचान के आधार पर उसकी उपस्थिति दर्ज की जाएगी। यह थोड़ा अलग तरह का होगा इसमें आपको अंगूठा लगाने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि इस वक्त संक्रमण की रफ्तार में किसी भी चीज को टचलेस किया जा रहा है। वही कोषागार में सुरक्षा को और तेजी से बढ़ाने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया गया है और कोषागार में जो एक सहायक पदाधिकारी और एक डाटा एंट्री ऑपरेटर का पद रिक्त खाली है इस बारे में भी निर्देश जारी किया गया है, कि विभाग से समन्वय स्थापित कर इस समस्या का समाधान किया जाए।
भवन को रंगने की हो रही है तैयारी
साल 2013 में निर्मित कोषागार भवन को दोबारा कभी रंगा नहीं गया है जिस बारे में कोषागार पदाधिकारी और भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया गया की नए भवन के प्रथम तल पर ब्रज गृह को स्थानांतरित करने के लिए सभी आवश्यक तैयारी करना होगा। इसमें किसी तरह की लापरवाही या पक्षपात नजर आई तो इस रूप में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।