मुशहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जुड़े इलाकों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना (National Health Mission Scheme) में फर्जीवाड़े में नए-नए खुलासे हो रहे हैं. न्यूज 18 के पास इस मामले में कागजात हाथ लगे हैं कि किस प्रकार छोटी कोठिया गांव में दो विधवा महिलाओं के नाम पर पिछले डेढ़ सालों में चार बार प्रोत्साहन राशि भेजी गई. दरअसल दस्तावेजों के अनुसार जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार रहुआ पंचायत के छोटी कोठिया गांव के सुमिता देवी और सीता देवी जो काफी उम्रदराज महिला हैं, और दोनों सालों पहले विधवा भी हो गईं, लेकिन इन दो महिलाओं के खाते में प्रसव के बदले की 14 सौ की प्रोत्साहन राशि भेजी गई और निकासी भी ली गई.

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गौरतलब है कि प्रोत्साहन राशि सरकारी अस्पताल में प्रसव के बाद दी जाती है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संस्थागत प्रसव के बदले लाभुकों के खाते में 14 सौ रुपये दी जाती है जबकि आशा कार्यकर्ताओं को 6 सौ रुपया भुगतान किया जाता है.

पुलिस ने शुरू की जांच

फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद मुसहरी थाना में स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी उपेंद्र चौधरी ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी जिसमें लेखापाल अवधेश कुमार पर गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. पुलिस ने इस मामले में जिन चार महिलाओं के खातों में कई बार प्रोत्साहन राशि भेजी गई, उनसे थाना बुलाकर पूछताछ के बादउनके बयान दर्ज कर लिए हैं. वहीं, जिला प्रशासन की जांच टीम ने स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी चिकित्सक डॉ उपेंद्र चौधरी और स्वास्थ्य प्रबंधक समेत लेखापाल और सीएसपी संचालक की भूमिका को संदिग्ध बताया है.

इस तरह हुआ घोटाला

बता दें कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में बड़ा घोटाला सामने आया है. बुजुर्ग और उम्रदराज महिलाओं के बैंक खातों में योजना मद की राशि डालकर पैसों की बंदरबांट की जा रही है. लाभुकों को पता भी नहीं चल रहा है कि उसके खाते में सरकारी राशि डालकर बिचौलियों द्वारा रूपये की निकासी की जा रही है. हद तो इतनी हो गई है कि 13 माह के भीतर एक महिला द्वारा 8 बच्चे का जन्म होना दिखाकर सरकारी पैसे का गबन किया जा रहा है. 2018 से इस योजना में सेंधमारी की गई है और अधिकारियों और बैंक के सीएसपी संचालक की मदद से भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है.

Input: News18

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