मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) में 16 जुलाई को एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (AES) यानि चमकी बुखार के लक्षण पाए जाने के बाद भर्ती कराई गई पांच साल की बच्ची की रविवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। इस साल जनवरी से अब तक एसकेएमसीएच में एईएस से 10 बच्चे-बच्चियों की मौत हो चुकी है।
पूर्वी चंपारण की रहनेवाली थी मृतक बच्ची
एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ बीएस झा ने कहा कि सलोनी कुमारी पूर्वी चंपारण जिले के पकरीदयाल अनुमंडल की रहने वाली थी। उनके मुताबिक ‘सलोनी को एईएस से पीड़ित होने का संदेह था। इससे पहले 15 जुलाई को सीतामढ़ी जिले के बाजपट्टी प्रखंड की इशिका कुमारी नाम की ढाई साल की बच्ची की चमकी बुुखार से मौत हो गई थी। इशिका को 14 जुलाई को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था। हालांकि डॉक्टरों ने बहुत कोशिश की, लेकिन वह बच नहीं सकी। उसकी तबीयत बिगड़ने के बाद उसे एक निजी अस्पताल से एसकेएमसीएच रेफर कर दिया गया था।’
SKMCH में AES पीड़ित 5 बच्चे भर्ती
एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ बीएस झा के अनुसार अस्पताल में एईएस के पांच पुष्ट और चार संदिग्ध मामले हैं। इनमें से तीन मरीजों को पीआईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया है।डॉक्टर झा के अनुसार बढ़े तापमान, आर्द्रता और कुपोषण के कारण क्षेत्र में चमकी बुखार के मामलों में अचानक बढ़ोतरी हुई है। झा के मुताबिक ‘रविवार को हुई भारी बारिश के कारण हमें उम्मीद है कि मामलों में काफी कमी आएगी।’
इस साल चमकी बुखार के 41 मामले
अस्पताल के अधिकारियों के मुताबिक इस साल जनवरी से अब तक एसकेएमसीएच में एईएस के 41 मामले सामने आए हैं। इनमें से 10 की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। पीड़ित मुजफ्फरपुर, वैशाली, शिवहर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण जिले के रहने वाले थे।
मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन की ओर से जारी एक स्वास्थ्य बुलेटिन में कहा गया है कि इस साल अब तक एसकेएमसीएच में एईएस के 41 मामले दर्ज किए गए और शहर के केजरीवाल अस्पताल में तीन मामले दर्ज किए गए।’
पारू में चमकी बुखार के सबसे ज्यादा मामले
चमकी बुखार के मुजफ्फरपुर में 21, पूर्वी चंपारण और सीतामढ़ी में 6-6, वैशाली में 5, शिवहर में तीन, पश्चिमी चंपारण में दो और मधेपुरा में एक मामला दर्ज किया गया है। मुजफ्फरपुर में पारू ब्लॉक की 6 केस के साथ सबसे ज्यादा प्रभावित ब्लॉक के रूप में पहचान की गई है।
Input: nbt hindi