नई दिल्‍ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गुरुवार को कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के खतरे से निपटने की कोशिशों को लेकर देशवासियों को संबोधित किया. इस दौरान उन्‍होंने देशावासियों से सतर्क रहने की अपील की. अपने संबोधन में उन्‍होंने कहा कि कोरोना वायरस से बचने के लिए हर भारतीय को संकल्‍प लेना होगा. पीएम मोदी ने कहा, ‘पिछले 2 महीने से हम लगातार दुनिया से आ रही चिंताजनक खबरें देख रहे हैं. 2 महीनों में भारत के लोगों ने इस महामारी का डटकर मुकाबला किया है. कोरोना वायरस ने पूरी मानव जाति को संकट में डाला है.’

पीएम मोदी के संबोधन की 5 अहम बातें-

1. पीएम मोदी ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू की अपील की है. उन्‍होंने कहा कि जनता कर्फ्यू यानि जनता के लिए जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू. उन्‍होंने देशवासियों से अपील की कि वह रविवार को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक घर ही रहें. लोग घरों से बाहर ना निकलें. उन्‍होंने अपील की कि 10 साथियों को जनता कर्फ्यू के बारे में बताएं. रविवार को शाम 5 बजे सायरन बजाया जाएगा.

2. पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं देशवासियों को आश्वस्त करता हूं कि देश में दूध, खाने-पीने का सामान, दवाइयां, जीवन के लिए ज़रूरी ऐसी आवश्यक चीज़ों की कमी ना हो इसके लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं. ये सप्लाई कभी रोकी नहीं जाएगी. देशवासी जरूरी सामान संग्रह करने की होड़ न लगाएं.’

3. पीएम मोदी ने कहा, ‘कोरोना महामारी से उत्पन्न हो रही आर्थिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में सरकार ने एक COVID-19-Economic Response Task Force के गठन का फैसला लिया है.

4. पीएम मोदी ने कहा, ‘आपसे मैंने जब भी जो भी मांगा है. मुझे कभी देशवासियों ने निराश नहीं किया है. मैं 130 करोड़ देशवासियों से आपसे, कुछ मांगने आया हूं. मुझे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए, आपका आने वाला कुछ समय चाहिए. आज हमें ये संकल्प लेना होगा कि हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएंगे. इस तरह की वैश्विक महामारी में एक ही मंत्र काम करता है- ‘हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ’.

5. पीएम मोदी ने कहा, ‘संकट के इस समय में मेरा देश के व्यापारी जगत, उच्च आय वर्ग से भी आग्रह है कि अगर संभव है तो आप जिन-जिन लोगों से सेवाएं लेते हैं, उनके आर्थिक हितों का ध्यान रखें. हो सकता है आने वाले दिनों में ये लोग दफ्तर न आ पाएं, आपके घर न आ पाएं. ऐसे में उनका वेतन न काटे, पूरी मानवीयता और संवेदनशीलता के साथ फैसला लें. हमेशा याद रखिएगा कि उन्हें भी अपना परिवार चलाना है, परिवार को बीमारी से बचाना है.’

Input : News18

 

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