विवादित रामजन्म भूमि- बाबरी मस्जिद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हिन्दू- मुस्लिम एकता की मिसाल की एक बड़ी खबर सामने आई है. यहां पर एक मुस्लिम युवक ने सामाजिक सद्भाव की मिसाल पेश करते हुए एक गोशाला (Cow shed) और वृद्धाश्रम बनाने के लिए अपनी जमीन दान में दी थी, जिस पर गौशाला और वृद्धाश्रम का उद्घाटन कर दिया गया.

प्रबंधक समिति के सचिव ने बताया कि पुजकाजी शहर के समीप खैखेरी रोड पर गोशाखा और वृद्धाश्रम दो बीघा जमीन पर बनाए जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि यह जमीन कुछ साल पहले शरबत अली ने भेंट की थी. उन्होंने बताया कि रविवार को हनुमत धाम के महंत स्वामी केशवानंद महाराज ने गोशाला और वृद्धाश्रम का उद्घाटन किया.

बता दें कि बीते 26 जून को उत्तर प्रदेश के गोसाईंगंज में कौमी एकता की कुछ इसी तरह की मिसाल देखने को मिली थी. यहां हिंदुओं ने अपनी जमीन कब्रिस्तान के लिए मुस्लिमों के दान में दे दी थी. यह हिंदू-मुस्लिम भाइचारे की अनोखी मिसाल गोसाईंगंज विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बेलारीखान गांव में देखने को मिली थी. यहां से बीजेपी विधायक इंद्रप्रताप तिवारी ने इसकी पहल की थी.

यहां दोनों समुदायों के बीच दशकों से दुश्मनी की वजह बनी एक जमीन को कब्रिस्तान के लिए मुस्लिमों को दे दिया गया. 20 जून को स्थानीय संत सूर्य कुमार झींकन महाराज और अन्य आठ लोगों ने 1.25 विसवा जमीन की रजिस्ट्री कब्रिस्तान कमेटी के पक्ष में कराकर इस दुश्मनी को हमेशा के लिए खत्म कर दिया था.

यह जमीन हिंदुओ की थी, तब झींकन महाराज ने बताया था कि रिकॉर्ड के मुताबिक, यह जमीन हिंदुओ की थी. यह जमीन एक कब्रिस्तान के बगल में थी, जिसे लेकर दोनों समुदायों के बीच तनाव बना रहता था. लेकिन, अब हमने मसले को सुलझा दिया है. सब रजिस्ट्रार एसबी सिंह ने जमीन हस्तांतरण की बात की पुष्टि करते हुए बताया कि जमीन राम प्रकाश बबलू, राम सिंगर पांडेय, राम शबद, जिया राम, सुभाष चंद्र, रीता देवी, अवधेश पांडेय और झींकन महाराज के नाम थी. इन लोगों ने कब्रिस्तान कमेटी (गोसाईंगंज) के नाम से यह जमीन ट्रांसफर कर दी है. जल्द ही यह रेवेन्यू विभाग के रिकॉर्ड में भी दर्ज हो जाएगा.

Input : News18

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