मुजफ्फरपुर ज़िले के हथौड़ी थाना क्षेत्र में 14 साल की नाबालिग से गैंगरेप का मामला दर्ज किया गया, लेकिन घटना के चार महीने बीत जाने के बाद भी नाबालिग लड़की का अपहरण कर गैंग रेप करने वाले आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं. आरोप यह भी है कि अपहरण और गैंग रेप के इस सनसनीखेज मामले में पीड़ित की ठीक ढंग से मेडिकल जांच तक नहीं करवायी गयी. पीड़ित ने मेडिकल जांच नहीं कराने और कोर्ट में सही बयान नहीं देने के लिए दबाव बनाने का आरोप पुलिस पर लगाया है. आलम ये है कि पीड़ित परिवार घर बेचकर गांव छोड़ने को मजबूर हो रहा है.

आरोप है कि हथौड़ी थाना क्षेत्र के अल्पसंख्यक बहुल गांव में एक दूसरे समुदाय की 14 साल की नाबालिग लड़की का अपहरण तीन लड़कों ने कर लिया. इसी साल 17 जुलाई को लड़की का अपहरण उस समय किया गया जब वह गांव के बगल के हाई स्कूल में पढ़ने गई थी. गांव के मो आरिफ और दो नाबालिग लड़के के साथ पांच लोगों पर अपहरण का आरोप लगा है.

अपहरण के 12 दिन बाद यानि 29 जुलाई को नाबालिग लड़की को एक नाबालिग आरोपी के साथ लखनऊ स्टेशन पर देखा गया. बाद में लड़की को एक संस्था के हवाले किया गया.जहां से हथौड़ी पुलिस और परिवार वालों के साथ बच्ची को मुजफ्फरपुर लाया गया.

पीड़िता के अनुसार लखनऊ में बंद कमरे में उसके साथ मो आरिफ और एक नाबालिग आरोपी ने लगातार दुष्कर्म किया. उसने बताया कि इन दोनों ने ये काम इसलिए किया कि एक नाबालिग लड़के से उसकी दोस्ती थी. पीड़ित लड़की के अनुसार उसकी इसी दोस्ती का बदला लेने के लिए गांव के दोनों युवकों ने उसके साथ दुष्कर्म किया.

पीड़ित के अनुसार उसे बेहोश कर अपहरण किया गया था. और कई दिनों तक दुष्कर्म भी खाना में नशीला पदार्थ मिलाने के बाद करता था. बरामदगी के बाद पीड़िता को धमकी देकर सही बयान कोर्ट में देने से रोका.

पीड़ित कहती है कि उसके दोस्त ने 28 जुलाई को लखनऊ पहुंचकर दोनों युवकों के चंगुल से बचाकर लाया. हलांकि पीड़ित लड़की बार-बार दोहरा रही है कि अपहरण करने में उसका मित्र भी शामिल था. लेकिन दोनों युवकों के कई दिनों तक दुष्कर्म करने के बाद वह लखनऊ पहुंचा था.

आरोप है कि गैंगरेप करने वाले युवकों ने पीड़िता को इस कदर धमकाया कि वह मुजफ्फरपुर आने के बाद कोर्ट में दिये 164 के बयान में तीनों लड़कों पर अपहरण करने की बात तो बताई, लेकिन दुष्कर्म किये जाने की बात नहीं बताई.

उसने यह भी आरोप लगाया है कि गैंगरेप करने वाले अपराधी ही नहीं बल्कि नाबालिग को लखनऊ से बरामद करने गई पुलिस ने भी मेडिकल जांच नहीं कराने का दबाव बनाया. वह कहती है कि मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल में पीड़िता के निजी अंगों की जांच भी नहीं कराई गई.

आरोप है कि पुलिस ने यह कहकर दबाव बाया कि दुष्कर्म की बात जांच में पुष्टि होने पर पीड़ित परिवार की परेशानी बढ़ जायेगी. इतना ही नहीं मेडिकल बोर्ड में नाबालिग की उम्र 19 से 20 बताई गई जबकि स्कूल में नाबालिग की उम्र 16 जुलाई 2005 दर्ज है. यानि इस साल जुलाई माह में ही पीड़िता 14 साल की हुई है.

जुलाई में नाबालिग के साथ हुई घिनौनी घटना के बाद भी सभी आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर है. पुलिस अधिकारियों के अनुसंधान में अपहरण की घटना को सत्य बताकर 5 आरोपियों में से पीड़िता द्वारा बताये गये तीन आरोपियों की गिरफ्तारी का आदेश दिया गया है, लेकिन तीनों आरोपी घटना के बाद भी खुलेआम घूम रहा है .

पुलिस अनुसंधान में यह बताया कि नाबालिग का अपहरण शादी की नीयत से किया गया था.लेकिन नाबालिग का दिया गया बयान काफी गंभीर है.उसने बताया कि उसके साथ लखनऊ में मो आरिफ और एक नाबालिग ने कई दिनों तक दुष्कर्म किया.वही मेडिकल जांच नहीं कराने और कोर्ट में सही बयान नहीं देने के लिए आरोपियों से लेकर पुलिस तक ने दबाव बनाया.

पीड़ित के पिता का आरोप है कि बेटी के साथ गैंगरेप की घटना में धमकी देने वाले शख्स के ही निकट के संबंधी घटना को अंजाम दिया है. अस्पताल से लेकर पुलिस तक भी मामले को दबाने के लिए भी मो मोमताज ही दौड़-धूप कर रहा है.

पीड़ित के परिवार गांव छोड़ने का लिया निर्णय

नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप की घटना के बाद पूरा परिवार टूट चुका है. दिल्ली में ऑटो चलाने वाले पीड़ित के पिता पूरे मामले में सनसनीखेज आरोप लगा रहे हैं. पिता का कहना है कि गांव में उनके घर के आगे कुछ साल पहले अवैध बूचड़खाना था. जिसकी शिकायत पुलिस में उन्होंने की थी. इस बात को लेकर सामने का पड़ोसी मो मोमताज नाराज हुआ था और लगातार धमकी भी देता रहता था.

बहरहाल समाज और पुलिस दोनों ही ओर से परेशान किए जाने के बाद अल्पसंख्यक बहुल गांव में रह रहा पीड़ित परिवार बेटी के साथ घटी घटना से इतना टूट चुका है कि गांव में पैतृक संपत्ति को औने-पौने कीमत में बेचकर जाने का निर्णय कर चुका है.

पीड़ित परिवार अपना घर बेचकर गांव छोड़ने को मजबूर है

पीड़ित के पिता का कहना है कि अवैध बूचड़खाना चलाने वाले मो मुमताज के आतंक की वजह से एक साल पहले ही गांव की संपत्ति का सौदा कर लिया था.लेकिन बेटी के साथ घटी घटना और पुलिस द्वारा कारवाई नहीं किये जाने से जल्द ही उनका परिवार गांव को छोड़ देगा.

इस मामले में पीड़ित परिवार लगातार एसएसपी से लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक से गुहार लगा चुका है. लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से परिवार टूट चुका है. केस को कमजोर करने वाले लोगों के खिलाफ भी पीड़ित परिवार जांच की मांग कर रहा है.

Report by Abhay Raj

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