मैं जिला मुज़फ़्फ़रपुर ;
मुझे बिहार की आर्थिक राजधानी भी कहा जाता है, इन दिनों कोरोना से थोड़ा भयभीत हूँ, क्योंकि मेरे बच्चे ये सोच जश्न मनाने लगे है कि अब तक मेरे आंगन में कोरोना ने दस्तक नही दी ।।
कुछ दिनों तक तो ये बच्चे समझ बुझ के साथ मेरे साथ कोरोना फाइट में थे, पर दूसरे लॉक डाउन के बाद….
पूछो ना खुद से ??
जब तुम लक्ष्मी चौक से मीट और मछली लाने गए थे तो क्या मंजर देखा?? क्या तुम खुद उस भीड़ का एक हिस्सा नही थे?
मुझे मेरे भविष्य की नही, मुझे तुम सब के भविष्य की चिंता हो रही है.. मेरी बात मानो और अपने घरों में खेल रहे छोटे बच्चों की चिंता करो.. सोचो अगर तुम्हारी वजह से तुम्हारे बच्चों में कोरोना का लक्षण आया तो क्या बीतेगी तुम पर..
सीतामढ़ी, शिवहर, मोतिहारी पटना सभी जगहों से कोरोना के मरीज मिले हैं, मैं अपने चारों दिशाओं से घिर चुका हूं..
मेरी मदद करो.. घर मे रहो..
धन्यबाद ।।
प्रत्युष स्वेता