मोतीपुर थाना क्षेत्र के बड़ा सेंदुवारी निवासी स्वर्ण और बर्तन व्यवसायी निवासी स्व. सियाराम साह के पुत्र राजेश कुमार की लूट के दौरान हत्या मामले को मुज़फ्फरपुर पुलिस ने महज दो सप्ताह में सुलझाते हुए लूट के दौरान की गई हत्या में शामिल 03 शातिर अपराधियों को हथियार के साथ धर दबोचा है. साथ ही 06 माह पूर्व मुर्गा व्यवसायी की हत्या और 22 अप्रैल को मोतिहारी के एक व्यवसायी की गोली मार कर लूट करने के एक मामले का भी सफल उद्भेदन कर लिया है. 22 जून की रात्रि स्वर्ण व्यवसायी की लूट के दौरान की गई हत्या के अगले दिन ही स्थानीय लोगों ने मुजफ्फरपुर-मोतीपुर हाईवे जाम कर जमकर विरोध प्रदर्शन किया था.
मोतीपुर के कोदरिया पुल से हुई गिरफ़्तारी
मामले में वरीय पुलिस अधीक्षक के दिशा निर्देश पर सहायक पुलिस अधीक्षक पश्चिमी इमरान मसूद के नेतृत्व में मामले के असफल उद्भेदन हेतु गठित विशेष पुलिस टीम द्वारा साक्ष्य संकलन के दौरान बीते सोमवार को मिली गुप्त सूचना के आधार पर मोतीपुर थाना क्षेत्र के कोदरिया पुल पर बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बनाते 03 अपराधकर्मियों को हथियार, कारतूस और अपराध की घटना में इस्तेमाल किये जाने वाले एक आल्टो कार के साथ गिरफ्तार कर लिया गया. तलाशी के दौरान इनके पास से तीन अवैध देशी पिस्तौल, 03 राउंड जिन्दा कारतूस, स्वर्ण व्यवसायी से लुटे गए जेवर को बेचने से प्राप्त 28 हजार रूपए नगद और एक आल्टो कार बरामद की गयी.
बोचहां ब्लॉक में कार्यरत कर्मचारी निकला शातिर अपराधी
पकडे गए अपराधकर्मियों की पहचान मीनापुर के पानापुर ओपी थाना क्षेत्र निवासी ओमप्रकाश कुमार उर्फ़ बिट्टू कुशवाहा, निखिल कुमार और मोतीपुर थाना क्षेत्र के वृत बरजी निवासी अनिल कुमार भगत के रूप में की गई है. ओमप्रकाश उर्फ़ बिट्टू कुशवाहा बोचहां ब्लॉक में टेक्निकल असिस्टेंट के पद पर कार्यरत है और इसकी आड़ में वह लूटपाट और अन्य आपराधिक वारदातों को अंजाम देता है.
पटना के अपराधियों ने आभूषण के बदले दिया था एक लाख रुपये
पूछताछ के दौरान इन्होने स्वीकार किया की गत 22 जून को इन्होंने ही स्वर्ण व्यवसायी राजेश साह की लूट के दौरान गोली मार कर हत्या कर दी थी और लूट के सभी आभूषण पटना के दो अपराधियों को ठिकाने लगाने को दिए थे, जिसके एवज में उन्हें एक लाख रूपए मिले थे, जो उन्होंने खर्च कर दिए और बाकी के बचे 28 हजार रूपए पुलिस ने बरामद किया है.
पुलिस हिरासत में उगले कई राज, स्वीकारी संलिप्तता
गिरफ्तार किये गए अपराधकर्मियों के निशानदेही पर पटना के मालसलामी थाना क्षेत्र के मारुफगंज में किराये का मकान लेकर रह रहे मोतीपुर थाना क्षेत्र के वृत बरजी निवासी मोहन भगत और पटना सिटी के आलमगंज में अपना ठिकाना बनाये देवरिया थाना क्षेत्र के देवरिया निवासी मो. सलाम को भी पुलिस हिरासत में पूछताछ की जा रही है. पूछताछ के दौरान इन्होने कई घटनाओं में अपनी संलिप्तता स्वीकारी है.
लूट के दौरान दिसम्बर और अप्रैल में 2 व्यवसायियों की कर दी थी हत्या
उक्त आशय की जानकारी देते हुए वरीय पुलिस अधीक्षक जयंत कांत ने बताया की पिछले वर्ष 18 दिसम्बर को मोतीपुर के झिंगहा बाजार के मुर्गी व्यवसायी नईमुद्दीन के अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी और इसी वर्ष 22 अप्रैल की रात्रि मोतिहारी के एक व्यवसायी श्री भगवान को मोतीपुर के पनसलवा चौक के पास रतनपुरा में गोली मार कर नगदी और मोबाइल लूट में भी इन्हीं अपराधकर्मियों ने अंजाम दिया था.
लूट, हत्या जैसे कई मामलों का हुआ खुलासा
इन शातिरों की गिरफ़्तारी से मोतीपुर के लूट, डकैती, हत्या जैसे लगभग आधा दर्जन आपराधिक कांडों का खुलासा हुआ है. रिमांड कर इनसे अन्य घटनाओं के सम्बन्ध में विस्तृत पूछताछ की जाएगी. फ़िलहाल पुलिस टीम अन्य थाना और आसपास के जिलों के थाना से इनके आपराधिक रिकॉर्ड खंगाल रही है. वहीं वहीं इनके स्वी’कारोक्ति बयान के आधार पर पुलिस टीम इनके नेटवर्क के अन्य साथियों की गिरफ़्तारी हेतु छा’पेमारी में जुटी है.
छापेमारी में यह थे शामिल :
सहायक पुलिस अधीक्षक पश्चिमी सैयद इमरान मसूद, मोतीपुर थानाध्यक्ष पुनि अनिल कुमार, पुअनि अमित कुमार, पुअनि अभिषेक कुमार, पुअनि हेमंत कुमार और मोतीपुर थाना की सशस्त्र पुलिस बल.