बढ़ती बेरोजगारी और नौकरियों के संकट पर घिरी मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने जल्द आर्थिक सर्वेक्षण कराने की तैयारी में है। यह सर्वेक्षण पहली बार ठेले , रेहड़ी, और अपना रोजगार करने वाले लोगों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए कराया जाएगा। जानकारी के मुताबिक आर्थिक सर्वेक्षण जून के आखिरी हफ्ते में शुरू हो सकता है। बताया जा रहा है कि आर्थिक सर्वेक्षण के पीछे मकसद है कि देश में सात करोड़ असंगठित रोज़गारों की स्थिति जनवरी, 2020 तक यानी छह महीने में साफ हो जाए। सरकार इन आंकड़ों के आधार पर रोज़गार को लेकर भविष्य की रणनीति तैयार करेगी।

इस सर्वेक्षण में देशभर के 27 करोड़ घर और 7 करोड़ स्थापित लोगों के बारे में जानकारी इकट्ठा की जाएगी। जानकारों का कहना है कि सरकार के इस कदम से देश में रोजगारी और लोगों की आर्थिक स्थिति के बारे में सही जानकारी सामने आएगी और यह जानकारी सरकार को ठोस योजनाएं बनाने में मदद करेगी।

जानकारी के मुताबिक, इस आर्थिक सर्वेक्षण से क्रॉप प्रोडक्शन, प्लांटेशन, डिफेंस, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और कंपलसरी सोशल सिक्योरिटी सर्विसेज को बाहर रखा गया है। इसके लिए हाल ही में दिल्ली में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया था, जिसमें टॉप अधिकारी शामिल हुए थे। इसी तरह के कार्यक्रम पूरे देश में 6000 जगहों पर हुआ। महत्वपूर्ण बात है कि इस सर्वेक्षण में तकनीक का भरपूर उपयोग किया जाएगा। आपको बता दें कि देश में अभी तक 6 बार आर्थिक सर्वेक्षण और गणना हो चुकी है।

Input:News 24

 

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