महाशिवरात्रि पर अजगैबीनाथ मंदिर से बैद्यनाथ मंदिर जल भेजने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। शनिवार को स्थापनापति महंत प्रेमनंद गिरि मंदिर के स्थाई पंडा युगल किशोर मिश्र ने गंगा जल का संकल्प कर बैद्यनाथ मंदिर भेजा। शिवरात्रि को चौथा पहर का अभिषेक अजगैबीनाथ मंदिर से भेजे गये गंगा जल से होता है। उसके बाद ही विवाह की रस्म अदा की जाती है।

पंडा श्री मिश्र ने बताया कि 2005 में तत्कालीन महंत ने अजगैबीनाथ मंदिर से गंगा जल नहीं भेजवाया। इस पर देवघर पंडा धर्म रक्षणी सभा के अध्यक्ष ने पूरी के शंकराचार्य से सलाह ली। उसके बाद अजगैबीनाथ मंदिर के महंत के नाम पर गोत्र से जल संकल्प कराकर गंगा जल मंगाया गया था। उन्होंने बताया कि अजगैबीनाथ मंदिर के जो भी महंत होते हैं, वे देवघर के मंदिर में प्रवेश नहीं करते हैं।

भगवान शिव ने दिए थे वेश बदलकर दर्शन

उन्होंने कहा कि सदियों पहले महंत हरनाथ भारती प्रत्येक दिन गंगा स्नान कर गंगा जल चढ़ाने देवघर जाते थे। इसी क्रम में एक दिन उन्हें भोलेनाथ ने वेश बदलकर दर्शन दे दिये और बोले कि अब तुम्हें देवघर आने की आवश्यकता नहीं है। एक शिवलिंग तुम्हारे तपस्या स्थान में मृगचर्म के नीचे प्रकट हो चुका है। कहा जाता है कि तब से यहां के जो भी महंत होते हैं, वे देवघर मंदिर में प्रवेश नहीं करते हैं।

Input : Hindustan

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