पूर्व केंद्रीय मंत्री व कद्दावर राजनेता रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) का रविवार को इलाज के दौरान निधन हो गया। दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (Delhi AIIMS) में उन्होंने अंतिम सांस ली। सोमवार को वैशाली जिले के महनार हसनपुर घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। रघुवंश बाबू की यादों को सहेजने के लिए वैशाली नगवां म्यूजियम ने अपनी एक गैलरी उनके नाम कर दी है।
जीवंत बनाए रखने के लिए ‘डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह गैलरी’
म्यूजियम में एक गैलरी का नामकरण डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह गैलरी करने का ऐलान उनके निधन पर श्रद्धांजलि देते हुए सोमवार को किया गया। म्यूजियम के संस्थापक सचिव चितरंजन पटेल ने कहा कि डॉ. रघुवंश बाबू जैसे असाधारण व्यक्तित्व को वह हमेशा जीवंत बनाए रखने का काम करेंगे। चितरंजन ने कहा कि डॉक्टर रघुवंश के चहने वाले देश के हर कोने के लोग हैं।
राजनीतिक जीवन की गतिविधियां के साथ होगा बहुत कुछ
नगवां म्यूजियम में उनके नाम पर बनाई गयी गैलरी में डॉ रघुवंश बाबू के जीवन से जुड़ी तथ्यात्मक रिपोर्ट, उनके छायाचित्र, वक्तव्यों से संबंधित अखबारी कतरन, संसद में संबोधन से जुड़े दस्तावेज, राजनीतिक जीवन की गतिविधियां, केंद्रीय मंत्री रहते उनके द्वारा संचालित मनरेगा, पीएम ग्रामीण सड़क निर्माण योजना एवं अन्य योजनाओं से संबंधित उपलब्धि को संग्रहीत किया जाएगा। इससे आने वाली पीढ़ी के साथ म्यूजियम पहुंचने वाले पर्यटक भी उनकी जीवनी से रूबरू हो सकेंगे।
विधानसभा परिसर में दी श्रद्धांजलि
इसके पहले रघुवंश प्रसाद सिंह का पार्थिव शरीर रविवार की शाम में बिहार की राजधानी पटना पहुंचा, जिसके बाद विधानसभा परिसर ले जाया गया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, स्पीकर विजय कुमार चौधरी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव तथा बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी सहित कई लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। उसके बाद आम लोगों के दर्शन के लिए पार्थिव शरीर को कौटिल्या नगर स्थित आवास में रखा गया।