आरजेडी ने रघुवंश बाबू के साथ बहुत बुरा बर्ताव किया. उऩ्हें अपने किए पर शर्मिंदा होना चाहिए. यह कहना है केन्द्रीय मंत्री व बीजेपी सांसद आरके सिंह का. उन्होंने कहा कि , ‘रघुवंश बाबू के साथ आरजेडी ने बहुत बुरा किया। ऐसा आदमी जो जिंदगी भर राजा का वफादार रहा। उसको आपने दरकिनार करने की कोशिश की जबकि वो अपने अंतिम समय थे। आरजेडी को शर्मिंदा होना चाहिए कि उन्होंने इस प्रकार से रघुवंश बाबू का अपमान किया.’

मीडिया से बात करने के दौरान उन्होंने कहा कि निधन के कुछ दिन पहले ही रघुवंश प्रसाद सिंह ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को एक भावुक पत्र लिखकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. पार्टी के निर्णय से वो इतना दुखी थे उनकी मौत हो गयी. वे पूर्व सांसद रामा सिंह के आरजेडी में शामिल होने की खबरों से नाराज थे और इस फैसले के पक्ष में नहीं थे.

दिल्ली एम्स से रघुवंश बाबू ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दो चिट्ठी लिखी थी. जिसमें उऩ्होंने वैशाली के विकास की चिंता जताते हुए सीएम नीतीश से अपनी मंशा जाहिर की है. उन्होंने वैशाली को पुराना गणतंत्र बताते हुए कहा कि यहां पर भी झंडोत्तोलन करने की मांग की है. साथ ही भगवान बुद्ध का भिक्षा पात्र को वैशाली में लाने की बात कही है.

रघुवंश प्रसाद सिंह की चिट्ठी को लेकर भी खूब हो हंगामा हुआ. आरजेडी विधायक सुबोध राय ने चिट्ठी की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जो व्यक्ति वेंटिलेटर पर हो वो लेटर कैसे लिख सकता है. इसको लेकर बीजेपी और जेडीयू ने करारा पलटवार करने का काम किया. बीजेपी ने तो आरजेडी को गवारों की पार्टी करार दिया वहीं जेडीयू ने चिट्ठी पर सियासत नहीं करने की सलाह दी है.

Source : Live Cities

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