राजभवन ने बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति के वित्तीय अधिकार पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। ये आदेश बिहार विश्वविद्यालय के साथ टीएम विश्वविद्यालय भागलपुर और नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलपति पर भी लागू होगा। बीआरएबीयू के प्रभारी कुलपति डॉ.आरके मंडल अब केवल नियमित कार्य का संपादन करेंगे। किसी भी नीतिगत फैसला लेने से पहले उनको कुलाधिपति यानी राजभवन से अनुमति लेनी होगी। सोमवार को देर शाम राजभवन की ओर से अतिरिक्त सचिव विजय कुमार ने प्रभारी कुलपति को पत्र भेजकर उनके अधिकार व कर्तव्य के बारे में अवगत कराया है। इसके बाद कर्मियों में खलबली मच गई। कई वरीय अधिकारियों ने मोबाइल को पिक करना बंद कर दिया।

जानकारों की मानें तो कुछ दिन पहले प्रभारी कुलपति ने कुछ प्राचार्य को प्रभार देने का काम शुरू किया था। इसके बाद से ही उनके अधिकार को लेकर विवि परिसर से राजभवन तक चर्चा चल रही थी।

इन कार्यों पर लगी रोक

– विश्वविद्यालय की चयन समिति व प्रोन्नित समिति की बैठक बुलाने पर।

– सीनेट-सिंडिकेट और एकेडमिक काउंसिल की बैठक बुलाने पर।

– नई नियुक्ति या नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ नहीं कर सकते।

– किसी भी तरह के वित्तीय निर्णय, नए निर्माण कार्य या उसकी निविदा निकालने पर रोक।

– किसी भी तरह का नीतिगत फैसला नहीं कर सकते हैं।

ये करेंगे काम

– दिन-प्रतिदिन के काम का निपटारा होगा, ताकि विद्यार्थियों को परेशानी न हो और सत्र चलता रहे।

– विश्वविद्यालय या छात्र हित में कोई नीतिगत फैसला की जरूरत होगी तो राजभवन यानी कुलाधिपति से अनुमति लेनी होगी।

Input : Dainik Jagran

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