राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) के दौरान अनोखे ढंग से नकल करने का मामला सामने आया है। पुलिस के मुताबिक यह लोग अपने चप्पल में छिपाए गए ब्लूटुथ के जरिए नकल करने की फिराक में थे। राजस्थान पुलिस ने परीक्षा से पूर्व तीन परीक्षार्थियों सहित पांच लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया है। वहीं इन चीटिंग चप्पल्स के बारे में जानकारी जुटाने में टीम लगी हुई है।
पूरे राज्य में सक्रिय था गिरोह
पुलिस के मुताबिक नकल के लिए पूरा गिरोह सक्रिय था। इन्होंने पूरे राज्य में एक जैसा तरीका अपनाकर नकल की योजना बनाई थी। इस गिरोह का पहला आदमी जैसे ही अजमेर में पकड़ा गया, बाकी भी शिकंजे में आ गए। पुलिस के मुताबिक बीकानेर और सीकर में भी उसी तरह की चप्पल, ब्लूटुथ और मोबाइल पकड़ी गई जैसी अजमेर में मिली थी। बीकानेर की पुलिस अधीक्षक प्रीति चंद्रा ने बताया कि त्रिलोक, ओमप्रकाश, मदन गोपाल, राम और किरण देवी को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की जा रही है।
नकल के लिए खास ढंग से डिजाइन की गई थी चप्पल
अजमेर में पुलिस अधिकारी रतन लाल भार्गव ने बताया कि नकल के लिए चप्पल को खास ढंग से डिजाइन किया गया था। चप्पल में एक फोन और ब्लूटुथ डिवाइस रखी गई थी। वहीं परीक्षा देने वाले कैंडिडेट के कान में एक डिवाइस फिट की गई थी। एग्जाम हॉल के बाहर से कोई उन्हें नकल करने में मदद करने वाला था।
चप्पलों की गुत्थी सुलझाने में लगी है पुलिस
पुलिस ने नकल करने वाले गिरोह को शिकंजे में तो ले लिया है लेकिन ‘चीटिंग चप्पलों’ की गुत्थी नहीं सुलझा पा रही है। पुलिस के मुताबिक यह किसी छोटी इंडस्ट्री जैसा लग रहा है। इन चप्पलों को बेहद चालाकी के साथ तैयार किया गया है। कुछ रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया है कि परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों को हार्डवेयर के साथ इसे दो लाख रुपए में बेचा गया है। अजमेर पुलिस अफसर जगदीश चंद्र शर्मा ने बताया कि वह इस मामले से जुड़े अन्य तारों को सुझलाने में लगे हैं।