बिहार में पंचायत चुनाव का इंतजार कर रहे प्रतिनिधियों के लिए बड़ी खबर है. अब चुनाव के तारीखों की घोषणा कभी भी की जा सकती है. बुधवार को केंद्रीय चुनाव आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग के बीच अहम बैठक हुई. इसमें ईवीएम से ही इलेक्शन करवाए जाने पर सहमति बनी है. वहीं, राज्य निर्वाचन आयोग ने सूबे के सभी जिलाधिकारियों के लिए नया निर्देश जारी कर दिया है. इसमें कहा गया है कि 20 अप्रैल तक प्रदेश में नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा नवगठित, उत्क्रमित और क्षेत्र विस्तार के बाद पंचायतों की स्थिति की रिपोर्ट उपलब्ध करवाई जाए. आयोग ने यह भी कहा है कि पंचायत चुनाव की अधिसूचना किसी भी दिन जारी हो सकती है.

निर्वाचन आयोग ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि जिन ग्राम पंचायतों का पूर्ण रूप से नगर निकायों में विलय हो चुका है, उससे संबंधित बूथ और सहायक बूथों की सूची उपलब्ध करवाया जाए. साथ ही जिस पंचायत समिति के निर्वाचन क्षेत्र प्रभावित हुए हैं, उनके निर्वाचन क्षेत्रों की सूची भेजें. ऐसे ही जिला परिषद निर्वाचन क्षेत्रों की सूची भी भेजी जाए. इसके अलावा जिन ग्राम पंचायतों का आंशिक विलय हुआ है या जिन ग्राम पंचायतों का अस्तित्व समाप्त हो चुका है, उनके संबंध में भी रिपोर्ट 20 अप्रैल तक उपलब्ध करवाई जाए.

कभी भी जारी हो सकती है चुनाव की अधिसूचना

बता दें कि बुधवार को केंद्रीय चुनाव आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग के बीच हुई बैठक के बाद पिछले दो महीने से जारी इस विवाद पर विराम लग गया है कि किस ईवीएम मॉडल से चुनाव करवाई जाए या बैलट पेपर से. दिल्ली में हुई इस उच्चस्तरीय बैठक के दौरान दोनों आयोगों ने तय किया कि विवाद को अदालत के बाहर ही सुलझाया जाएगा. इसके लिए गुरुवार (15 अप्रैल) को दोनों आयोगों के बीच एक और बैठक होगी, जिसमें तय हो जाएगा कि ईवीएम के किस मॉडल से पंचायत चुनाव कराया जाएगा. इसके बाद कभी भी चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है.

…फिर भी फंस सकता है पेच

माना जा रहा है कि इस मामले में अब तक अपनी जिद पर अड़े राज्य निर्वाचन आयोग बैकफुट पर आ गया है और वह मॉड्यूल टू से चुनाव कराने के लिए सहमत हो गया है. बता दें कि राज्य निर्वाचन आयोग ने मल्टी पोस्ट ईवीएम से पंचायत चुनाव कराने का निर्णय लिया था. हैदराबाद की ईवीएम निर्माता कंपनी ने ईवीएम आपूर्ति को लेकर अपनी सहमति भी दे दी थी, लेकिन भारत निर्वाचन आयोग से मल्टी पोस्ट ईवीएम की आपूर्ति के पूर्व अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया जाना जरूरी थी. इसी अनापत्ति प्रमाण पत्र को लेकर मामला फंसा गया था जिसको लेकर दोनों आयोगों की बुधवार को बैठक हुई थी.

ईवीएम से जुड़े विवाद पर निकलेगा समाधान

गौरतलब है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किए जाने के आदेश को ही पटना उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर चुनौती दी थी. इसको लेकर कोर्ट में 9 बार सुनवाई और फैसले की डेट टल चुकी है. कोर्ट ने इसपर यह भी कहा था कि दोनों ही आयोग मिलकर इसका समाधान निकालें वरना कोई सख्त फैसला भी दिया जा सकता है. अगली सुनवाई 21 अप्रैल को है. हालांकि, दिल्ली में हुई दोनों आयोगों की बैठक के बाद इस मसले का समधान निकलता नजर आ रहा है, लेकिन इसमें अब नया पेच भी फंस गया है.

Input: News18

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