मुजफ्फरपुर से हाजीपुर या पटना जाना हो या पटना हाजीपुर से उत्तर बिहार के किसी जिले में जाना हो। रामदयालुनगर से लेकर मधौल तक आपको जाम व दुर्घटना का सामना करना पड़ेगा। यह स्थिति पिछले कई वर्षों से बनी है। नगर विकास व पथ निर्माण विभाग की पहल से इस एनएच को दुरुस्त करने की पहल तो हुई, लेकिन दो साल बाद भी बात बनी नहीं है।

रामदयालुनगर से मधौल तक एनएच लेती है धैर्य की परीक्षा

रामदयालुनगर से मधौल तक एनएच इतनी जर्जर हो चुकी है कि हर दूसरे दिन बड़े वाहन भी दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। जर्जर सड़क के कारण बड़े वाहनों की धूरी व पत्ती ऐसे टूटती है, मानों ताश के पत्ते भहराते हों। एक बार एक वाहन गड्ढे में फंसा नहीं कि मुजफ्फरपुर से पटना की दूरी एक से चार घंटे तक बढ़ जाती है। रामदयालुनगर में जाम लगने से एनएच 77 से गुजरने वाले वाहनों का पहिया पूरी तरह से थम जाता है। फिर चाहे एनएच 28 से एनएच 77 पर जाने वाले वाहन हों या फिर अघोरिया बाजार से रामदयालुनगर होते हुए एनएच 77 पर पहुंचने वाले वाहन। सभी रोड में वाहनों की लम्बी कतार लग जाती है। इस कतार में गंभीर मरीजों को पटना लेकर जाने वाली एम्बुलेंस भी होती हैं और स्कूली बच्चों को घर व स्कूल पहुंचाने वाले बस भी। इसके अलावा सैकड़ों सरकारी व गैर सरकारी कर्मचारी भी इस जाम में फंसे होते हैं।

सप्ताह में तीन से चार दुर्घटना इस छोटे से दायरे में आम बात है। दुर्घटना में कई लोगों की जान भी जा चुकी है। करीब डेढ़ किलोमीटर में एनएच का यह हाल है कि गांव की सड़क भी इससे अच्छी दिखती है।

Input : Hindustan

 

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