लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद बदले सियासी समीकरण के चलते लोजपा भी अपनी रणनीति में बदलाव कर रही है. पार्टी सुप्रीमो रामविलास पासवान की घोषणा के विपरीत संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में लोजपा का कोई प्रतिनिधित्व करेगा, तो वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे. लोजपा को उम्मीद थी कि वादे के मुताबिक राज्यसभा की खाली हो रही पहली सीट पर उन्हें मौका दिया जायेगा.
पर, सोमवार की देर शाम भाजपा ने असम की अपनी सीट पर उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी. दूसरी सीट सहयोगी असम गण परिषद के खाते में डाल दी. अब लोजपा की नजर बिहार से रविशंकर प्रसाद के लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद खाली हो रही राज्यसभा की सीट पर टिकी है. पासवान यदि केंद्र में मंत्री बनाये जाते हैं, तो उन्हें छह महीने के भीतर सदन का सदस्य बनना होगा. इसके लिए तत्काल खाली हो रही बिहार की भाजपा की सीट ही विकल्प बचता है.
एनडीए की सीट बंटवारे के तहत लोजपा को लोकसभा की छह सीटों के के साथ ही राज्यसभा की एक सीट दिये जाने की घोषणा हुई थी. लोजपा को उम्मीद थी कि असम से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की रिक्त हो रही सीट पर उनके नाम का मनोनयन होगा. लोजपा संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए स्वयं के मंत्री बनने के कयासों को खारिज कर दिया है.
उनका कहना है कि वह अपनी वर्तमान भूमिका में रहकर विधानसभा चुनावों पर फोकस रहना चाहते हैं. लोकसभा चुनाव में सभी छह सीटें जीतने वाली लोजपा के सुप्रीमो रामविलास पासवान ने पार्टी कार्यालय में पार्टी सांसदों की मौजूदगी में कहा था कि अनुभव नहीं होने के कारण 2014 में चिराग मंत्री नहीं बने थे. अब उनको अनुभव हो गया है. पार्टी चाहती है कि चिराग काे मंत्री बनाया जाये.
- इसको लेकर चिराग पासवान का कहना है कि कौन मंत्री बनेगा कौन नहीं यह प्रधानमंत्री तय करेंगे. प्रधानमंत्री की तरफ से यदि यह पूछा जायेगा कि लोजपा की तरफ से मंत्रिमंडल में कौन प्रतिनिधित्व करेगा तो संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष होने के नाते मैं पूरी स्पष्टता से कहता हूं की लोजपा से कोई मंत्री बनेगा तो वह राष्ट्रीय अध्यक्ष ही होंगे.
- लोजपा को उम्मीद थी कि असम की खाली सीट से एनडीए पासवान को भेजेगी राज्यसभा
चिराग पासवान ने अपने मंत्री बनने की खबरों को कयास बताया
Input : Prabhat Khabar