जेएनयू (जवाहर लाल नेहरू) छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार की आज पटना में हुई ‘संविधान बचाओ, नागरिकता बचाओ’ महारैली विवादों की रैली बनकर रह गई. इस रैली के दौरान ऐसे कई मौके आए जब मंच पर मौजूद कन्हैया और रैली में शामिल होने आए अन्य नेताओं ने भाषा की मर्यादा का ख्याल नहीं रखा.
सबसे पहले बात कन्हैया कुमार की जिन्होंने सबसे अंतिम में अपना भाषण दिया. अपने भाषण की शुरुआत करने से पहले कन्हैया कुमार ने गांधी मैदान में मौजूद लोगों से खड़े होकर राष्ट्रगान गाने की अपील की और फिर राष्ट्रगान शुरू किया.
Hello See This @kanhaiyakumar Doesnt Know The National Anthem ..& Gyaan Pelta Hai Sala.
Commie-Na Moron
Media Hyped Hootiya Hai Ye https://t.co/cBgRvkgSAw— Anupam@one&Only🇮🇳 (@DareDevilAnupam) February 28, 2020
विवाद तब खड़ा हो गया जब राष्ट्रगान के अंतिम दो लाइन में कन्हैया कुमार ने “जन गण मंगल” के बदले “जन मन गण” गा दिया.
कन्हैया कुमार के भाषण से पहले एक विवाद तब हुआ, जब मंच पर 6-7 साल के मासूम ने देश के मौजूदा हालात पर चार पंक्तियां सुनाई और बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में “नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद” के नारे लगाने शुरू कर दिए.
मासूम के मुंह से नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद के नारे सुनने के बाद मंच पर मौजूद कुछ लोगों ने इस पर सहमति जताई मगर कन्हैया कुमार ने इस बच्चे को अपने पास बुला कर गले से लगा लिया.
कन्हैया की रैली में शामिल होने आए महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने नागरिकता कानून समेत, एनआरसी और एनपीआर की तुलना उन तीन गोलियों से की जो नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी के सीने में उतार दी थी.
Input : Aaj Tak