कोरोना वायरस को देखते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने कहा है कि देश इस वक्त बड़े मानवीय संकट से गुजर रहा है. ऐसे में मैं और कांग्रेस पार्टी के लाखों कार्यकर्ता आपके साथ खड़े हैं. देश में कोरोना वायरस के खिलाफ जो लड़ाई चल रही है, उसमें सरकार के एक-एक कदम में हम सहयोग कर रहे हैं.

कोविड-19 वायरस के तेजी से प्रसार को रोकने के लिए दुनिया को तत्काल कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा है और भारत वर्तमान में तीन सप्ताह के लॉकडाउन में है. मुझे संदेह है कि सरकार अंततः इसे और भी आगे बढ़ाएगी.

राहुल गांधी ने लिखा है, हमारे लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि भारत की परिस्थितियां कुछ अलग हैं. हमें पूर्ण लॉकडाउन रणनीति का पालन करने वाले अन्य बड़े देशों की तुलना में अलग-अलग कदम उठाने होंगे. भारत में वैसे गरीब लोगों की संख्या काफी अधिक है जो दैनिक आय पर निर्भर हैं. ऐसा देखते हुए हमारे लिए सभी आर्थिक गतिविधियों को एकतरफा बंद करना बहुत बड़ी चुनौती है. इस पूर्ण आर्थिक बंद के कारण कोविड-19 वायरस से होने वाली मौतों की संख्या और भी बढ़ जाएगी.

यह महत्वपूर्ण है कि सरकार इस मुश्किल परिस्थिति के साथ आम लोगों की भी परेशानी समझे. हमारी प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि बुजुर्गों को इस वायरस के प्रकोप से बचाने के लिए उन्हें कैसे सुरक्षा दी जाए और आइसोलेट कैसे किया जाए. इसके साथ ही युवा वर्ग को यह संदेश दिया जाए कि उनका बुजुर्ग लोगों के नजदीक जाना कितना खतरनाक हो सकता है.

प्रधानमंत्री के नाम पत्र में राहुल गांधी ने लिखा है, देस के लाखों बुजुर्ग गांवों में रहते हैं. देश में पूर्ण बंदी से लाखों बेरोजगार युवा भी गांव की ओर लौटेंगे. इससे उनके माता-पिता के संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाएगा जो गांवों में रहते हैं. इससे बड़े पैमाने पर लोगों की जान जा सकती है. इस विषम परिस्थिति में हमें सामाजिक सुरक्षा का पूरा ख्याल रखना चाहिए. हमें हर हाल में सुनिश्चित करना चाहिए कि कामकाजी गरीबों को सरकारी संसाधनों के माध्यम से मदद और सहारा मिल सके. लोगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बड़े अस्पताल जिनमें हजारों बेड और वेंटिलेटर्स हों, की जरूरत पड़ेगी. जरूरतों को देखते हुए इन सभी चीजों का निर्माण जितनी जल्दी हो सके, उतनी तेजी से किया जाना चाहिए. साथ ही टेस्ट की संख्या भी बढ़ाई जानी चाहिए जिससे वायरस के प्रसार के बारे में सही आंकड़े मिलें और इसे रोकने के कदमों के उपाय हो सकें.

पत्र में राहुल गांधी ने आगे लिखा है, अचानक किए गए लॉकडाउन से लोगों में डर और भ्रम की स्थिति पैदा हुई है. फैक्ट्री, छोटे कल-करखाने और निर्माण कार्य बंद हो गए हैं. हजारों प्रवासी मजदूर अपने-अपने गांव घर के लिए पैदल निकल पड़े हैं. इस क्रम में वे राज्यों की सीमा पर जहां-तहां फंसे हुए हैं. वे जल्दी में अपने घर पहुंचने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. इस समय जरूरी है कि हम उन्हें सहारा देने में मदद करें. उनके बैंक खाते में पैसा जमा कराया जाए जिससे कि अगले कुछ महीने तक उनकी मदद हो सके. लॉकडाउन और आर्थिक बंदी के कारण हमारी वित्तीय संस्थाएं भी प्रभावित होंगी, इसलिए उनकी सुरक्षा के भी इंतजाम किए जाने चाहिए. इसमें हमारी अनौपचारिक अर्थव्यवस्था और छोटे व मध्यम व्यवसायों और किसानों का विशाल नेटवर्क किसी भी पुनर्निर्माण के प्रयास के लिए महत्वपूर्ण होने जा रहा है. यह जरूरी है कि हम उन्हें बातचीत में शामिल करें, उनके आत्मविश्वास बढ़ाएं और सही और समय पर कार्रवाई के साथ उनके हितों की रक्षा करें. इस मुश्किल परिस्थिति में हम सरकार के साथ खड़े हैं.

Input : Aaj Tak

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