मानहानि के मामले में शनिवार को पटना की एक अदालत में पेश होने जा रहे रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी मुजफ्फरपुर नहीं जा सकेंगे क्योंकि प्रशासन ने इस आधार पर इस दौरे की अनुमति नहीं दी कि उनके जाने से चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों और उनके परिजन को दिक्कत हो सकती है। गांधी का मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से प्रभावित बच्चों, उनके परिवारों तथा मृत बच्चों के परिजन से मिलने का विचार था।

पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा को बताया कि प्रशासन की ओर से अनुमति नहीं मिलने के कारण गांधी मुजफ्फरपुर नहीं जा सकेंगे। सूत्र ने कहा, ”पहले यह विचार था कि राहुल गांधी मुजफ्फरपुर जाएंगे और पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेंगे।”

जिला प्रशासन ने कहा है कि वीआईपी के आने से बच्चों और उनके परिजन को दिक्कत हो सकती है। उनका यह भी कहना है कि फिलहाल किसी भी वीआईपी को अनुमति नहीं दी जा रही। हमने प्रशासन की बात को स्वीकार कर लिया है। अब गांधी सिर्फ अदालत में पेश होंगे और फिर वापस चले जाएंगे।

पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी भी दी कि पहले गांधी का मुजफ्फरपुर जाने का विचार था जो कि राज्य भर में फैले एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) से सबसे अधिक प्रभावित रहा है। इससे 150 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है।

दरअसल, गांधी बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि के एक मामले के सिलसिले में शनिवार को पटना की एक अदालत में पेश होंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने गत अप्रैल में यहां की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में यह मामला दायर किया था।

सुशील मोदी ने उक्त मामला गांधी द्वारा कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली में यह टिप्पणी करने पर आपत्ति जताते हुए दायर किया था कि सभी चोरों के उपनाम मोदी क्यों हैं। गांधी का इशारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बैंक धोखाधड़ी आरोपी नीरव मोदी और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी की ओर था।

Input : Hindustan

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