जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले के रामनगर तहसील के रहने वाले सुरेश सिंह ने अपने परिवार का नाम रोशन किया है। रिक्शा चालक के बेटे सुरेश बुक बाइंडिंग का काम करते थे। उन्होंने कश्मीर प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास कर 10 वां स्थान हासिल किया है। अपनी इस उपलब्धि पर सुरेश सिंह का कहना है कि यह लंबी प्रक्रिया थी, उन्होंने परीक्षा पास करने के लिए दिन रात मेहनत की।

पिता बने प्रेरणा स्त्रोतः सुरेश ने एएनआई से बातचीत के दौरान कहा,’यह एक लंबी प्रक्रिया थी, पर मैं लगातार मेहनत करता रहा। मेरे पिता मेरे लिए सबसे बड़ी प्रेरणा रहे हैं। यह उनका सपना था कि मुझे अच्छी नौकरी मिल जाए। उनकी मौत से पहले उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। मैंने उनके सपने को पूरा करने के लिए पढ़ाई की।’ सुरेश ने आगे कहा,’मेरे पिता एक ऑटो-रिक्शा चालक थे। वह बुक-बाइंडिंग का काम भी करते थे और मेरी मां और मैं इसमें उनकी मदद करते थे। उनकी मौत के बाद मैंने ट्यूशन पढ़ाना शुरु किया और साथ में बुक बाइंडिंग का काम भी करता था।’ मैं जम्मू यूनिवर्सिटी से पढ़ाई से की वहां पर मुझे पढ़ने के लिए बेहतर मंच मिला।’

युवाओं को दिया संदेशः सुरेश ने क्षेत्र के युवाओं को संदेश देते हुए कहा,’युवा इंटरनेट की वजह से विचलित हो जाते हैं। मैंने कोई कोचिंग नहीं ली तो इंटरनेट मेरे लिए पढ़ाई का एक बड़ा जरिया था। युवाओं को केवल पॉजिटिव चीजों पर ध्यान देना चाहिए। उनसे सीखना चाहिए और अपना भविष्य देखना चाहिए।’ सुरेश की इस सफलता पर उनकी गौरवान्वित मां ने कहा,’मेरे पिता हमेशा सुरेश को पढ़ने के लिए कहते थे। यह सब उसके लिए काफी कठिन था। मेरे पति की मौत के बाद सुरेश ने काफी मेहनत की। मैं बहुत खुश हूं कि उसने अपने पिता के सपने को पूरा किया। ‘

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