रेलवे (railway) बोर्ड के चेयरमैन ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों (shramik special trains) को लेकर अपनी बात जनता के सामने रखी। उन्होंने कहा ट्रेनें रेडी हैं और जैसे ही राज्यों की ओर से इन्हें चलाने की इजाजत मिलेगी, तुरंत ही इन्हें चला दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने श्रमिक भाई बहनों से गुहार लगाई कि जो भी श्रमिक भाई-बहन जहां भी हों, वहां रहें। राज्यों से इजाजत मिलते ही ट्रेनें चला दी जाएंगी। रेलवे के अनुसार 80 फीसदी श्रमिक यूपी-बिहार में गए हैं। रेलवे और राज्यों की मदद से करीब 52 लाख लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया। साथ ही रेलवे की तरफ से यह भी स्पष्ट किया गया कि ट्रेनों के भटकने की खबरें गलत हैं और ये बताया कि कितनी ट्रेनों को डायवर्ट (train diversion) किया गया।

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दोपहर 2 बजे से रात 12 बजे तक ही चल पाईं ट्रेनें

रेलवे ने ये भी कहा कि कई जगहों से खाने-पीने की दिक्कतें होने की सूचनाएं मिलीं। कई जगह लोकल बसों को लेकर दिक्कत आई। ऐसे में वहां पर लोकल ट्रेनें चलाई गईं, ताकि श्रमिक भाई-बहन अपने घर पहुंच सकें। ट्रेनें दोपहर 2 बजे से रात 12 बजे तक के बीच चलाई गईं। खाने-पीने की व्यवस्था करने में काफी समय लगा, इसलिए सुबह से दोपहर तक के समय में ट्रेनें नहीं चलाई जा सकीं।

ट्रेनें भटकी नहीं, डायवर्ट किया गया

पिछले दिनों यह भी खबरें सामने आईं, जिसमें कहा गया कि कुछ ट्रेनें भटक गईं। इस पर रेलवे की ओर से कहा गया कि 1-19 मई और 25-28 मई के बीच कोई भी ट्रेन डायवर्ट नहीं हुई। सिर्फ 20-24 मई के बीच राज्यों की मांग अधिक होने की वजह से कुछ ट्रेनों को डायवर्ट किया गया। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने बताया कि एक दिन में 279 तक ट्रेनें चलाई गईं। किसी भी दिन 250 ट्रेनों से कम नहीं चलीं। इनमें से 90 फीसदी सिर्फ यूपी-बिहार को गईं, जिससे नेटवर्क काफी कंजेस्टेड हो गया। उन्होंने बताया कि अब तक कुल 3840 ट्रेनें चलीं, जिनमें से 71 ट्रेनों को डायवर्ट किया गया, वो भी सिर्फ 20-24 मई के बीच में ताकि राज्यों की जरूरतें पूरी हो सकें।

Input : NBT

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