कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से ट्रेनों के परिचालन पर गंभीर असर पड़ने लगा है। संक्रमण को कम करने के उद्देश्य से रेलवे ने सैकड़ों ट्रेनों का परिचालन रद कर दिया है। ऐसे में टिकट वापसी के लिए यात्रियों द्वारा काउंटरों पर संभावित भीड़ को देखते हुए रेलवे ने टिकट वापसी के नियम में काफी बदलाव किया है। 21 मार्च से 15 अप्रैल के बीच की यात्र के लिए जारी किए गए काउंटर टिकटों को अब यात्र की तिथि से आगे 45 दिनों के अंदर कभी भी काउंटर पर जाकर वापस कर सकते हैं। पहले इसे तीन घंटे के अंदर ही वापस करना होता था। यह व्यवस्था उन यात्रियों के लिए मान्य होगी जब ट्रेन रेलवे द्वारा रद की गई हो।
इतना ही नहीं रेलवे द्वारा ट्रेनों के रद नहीं किए जाने की स्थिति में यात्री अपनी यात्र स्थगित कर यात्र की तिथि से 30 दिनों के अंदर रेलवे के काउंटर से अपने टिकट वापस करा सकते हैं। यात्र की तिथि से 30 दिनों के अंदर टीडीआर फाइल करना होगा। सीसीएम क्लेम की ओर से इस टिकट की पूरी जानकारी लेकर 60 दिनों के अंदर इसका निष्पादन कर दिया जाएगा।
ट्रेन से आकर सरकारी दफ्तर में काम करने वालों को नहीं आने का निर्देश
पटना : कोरोना वायरस के मद्देनजर सरकार ने यह फैसला किया है कि राजधानी स्थित सरकारी महकमों में प्रतिदिन ट्रेन से आकर काम करने वाले कर्मियों को 31 मार्च तक दफ्तर नहीं आना है। सामान्य प्रशासन विभाग ने शनिवार को इस आशय का निर्देश जारी किया।
मार्च से 15 अप्रैल की यात्र के लिए जारी टिकट के लिए व्यवस्था
श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे राज्य के 4500 मंदिर-मठ
बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद से जुड़े राज्य के साढ़े चार हजार मंदिर व मठ 31 मार्च तक आम श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे। यह जानकारी पर्षद के अध्यक्ष अखिलेश कुमार जैन ने शनिवार को न्यास बोर्ड में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहीं। अध्यक्ष के अनुसार कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के खतरे को ध्यान में रखकर यह फैसला लिया गया है। ऐसे में लोग अपने आप को सुरक्षित रखते हुए भीड़ वाली जगहों पर जाने से परहेज करने के साथ ही लोगों को भी जागरूक करें। नवरात्र व छठ पर नहीं होगा कोई आयोजन : पर्षद के अध्यक्ष के अनुसार कबीर मठ, राम जानकी मंदिर, ठाकुरबाड़ी, शिव मंदिर, हनुमान मंदिर, काली मंदिर, सूर्य मंदिर आदि के न्यासी महंत, पुजारी एवं समिति के सदस्य अपने मंदिर परिसर में किसी प्रकार को कोई धार्मिक आयोजन 31 मार्च तक न कराएं।