नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan Valley Face off) में 15 जून की रात भारत (India) और चीन (China) के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प (India-China Dispute) के बाद से दोनों देशों के बीच जंग की स्थिति बन चुकी है. दोनों ही सेनाएं गलवान घाटी में आमने सामने आ गईं हैं. जंग के हालात को देखते हुए भारत ने लद्दाख सीमा पर अपने सैनिकों और हथियारों की संख्या बढ़ा दी है. चीन से बढ़े तनाव को देखते हुए दुनिया के कई देश भारत की सैन्य ताकत को और मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं. फ्रांस ने एक ओर जहां अगले महीने राफेल लड़ाकू विमान देने का वादा किया है तो वहीं दूसरी तरफ इजरायल एयर डिफेंस सिस्टम भारत को दे रहा है. इसी तरह अमेरिका से भारत को जल्द ही तोप में इस्तेमाल होने वाले गोलाबारूद दिए जाएंगे, जबकि रूस ने भी भारत को आधुनिक हथियार और गोला बारूद देने का वादा किया है. बता दें कि रूस 1 बिलियल डॉलर यानी 7560 करोड़ रुपये के गोला-बारूद की सप्लाई करने जा रहा है.
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चीन से बढ़े तनाव के बाद दिल्ली में सभी देशों के साथ ही द्विपक्षीय वार्ता के दौरान इस पर सहमति बनी है. बता दें कि पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ काफी लंबे समय से चले आ रहे विवाद को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से सशस्त्र बलों को आपातकालीन वित्तीय अधिकार पहले ही दिए जा चुके हैं. लंबी दूरी तक हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस अत्याधुनिक राफेल विमान की पहले खेप 27 जुलाई तक भारत पहुंचने की उम्मीद है. इसके लिए चार भारतीय पायलटों को इन लड़ाकू विमान को चलाने की ट्रेनिंग दी गई है. फ्रांस ने भारत से कहा है कि वह राफेल की पहली खेप के साथ ही 8 अतिरिक्त राफेल भी भेजने की तैयारी कर रहा है. फ्रांस की ओर से बताया गया है कि सभी आठ विमान उड़ान भरने के सर्टिफिकेट हासिल करने के बेहद करीब हैं. उन्होंने उम्मीद जताई है कि सभी विमान जल्द ही अंबाला एयरबेस भेज दिए जाएंगे. सूत्रों के मुताबिक फ्रांस इन विमान में इतना ईधन भर देगा जिससे राफेल विमान बिना कहीं रुके सीधे भारत आ सकेंगे.
दूसरी तरफ करगिल युद्ध में भारत की मदद करने वाले इजरायल ने भी चीन के साथ जंग के हालात को देखते हुए एयर डिफेंस सिस्टम देने की बात कही है. बताया जाता है कि एयर डिफेंस सिस्टम जिसका अभी तक नाम नहीं बताया गया है बहुत जल्द सीमा की रक्षा के लिए तैनात कर दी जाएगी. दरअसल चीन ने अपनी सीमा पर S-400 एयर डिफेंस सिस्टम तैनात किया है, जिसके बाद भारत ने भी उसका जवाब देने के लिए इजरायल से एयर डिफेंस जल्द देने की बात कही है.
बता दें कि हाल ही में मास्को की यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात मे रूस के रक्षा अधिकारियों ने भारत को जल्द ही आधुनिक हथियार, गोला-बारूद और मिसाइलों की तत्काल डिलीवरी का वादा किया है. भारत की ओर से हाल ही में कई हथियारों और मिसाइलों की सूची रूस को सौंपी गई है, जिसकी लागत 1 बिलियन डॉलर के करीब है. बता दें कि भारत का सबसे नया रणनीतिक साझेदार अमेरिका पहले से ही भारत को महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी और सैटेलाइट इमेज भेजने का काम कर रहा है. सूत्रों ने कहा कि अमेरिका ने भारत को जल्द से जल्द सहायता का वादा करते हुए जंग के हालात में आवश्यक हथियार और गोला बारूद की सूची मांगी हैं.
Input : News18