पटना. बिहार में शिक्षक पात्रता परीक्षा (BTET) के प्रमाण पत्र की वैधता देश के अन्य राज्यों की तरह ही अब पूरी उम्र रहेगी. राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के निर्देश पर राज्य के शिक्षा विभाग ने इससे संबंधित अधिसूचना शुक्रवार को जारी कर दी. बता दें कि इससे पहले टीईटी के प्रमाणपत्र की वैधता अवधि 7 वर्ष थी. शिक्षा विभाग के उपसचिव अरशद फिरोज के नाम से जारी इस आदेश में कहा गयाहै कि संबंधित नियुक्ति प्राधिकारी इस आदेश के अनुसार कार्यवाही करेंगे. इस तरह एक बार बीटेट उत्तीर्ण होने पर संगत नियुक्ति नियमावली में निहित अन्य शर्तों के अधीन संबंधित अभ्यर्थी शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे.
उप सचिव के हस्ताक्षर से जारी आदेश में कहा गया है कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) के 9 जून को जारी पत्र द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा प्रमाणपत्र की वैधता 11 फरवरी 2012 के प्रभाव से ताउम्र (वैलिड फॉर लाइफ) करते हुए संबंधित राज्य सरकारों से टीईटी प्रमाणपत्र की वैधता को पुनर्मान्य या फ्रेश इश्यू से संबंधित आवश्यक कार्रवाई करें.
इस आदेश के आलोक में बिहार में हुए पहले टीईटी के लिए जारी प्रमाणपत्र की अवधि मई 2012 के प्रभाव से ताउम्र के लिए मान्य की जाती है. भविष्य में होने वाले टीईटी के प्रमाणपत्र की मान्यता भी जीवनभर रहेगी. गौरतलब है कि बिहार राज्य की प्रारंभिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाण पत्र की वैधता सात साल तक निर्धारित थी.
फिलहाल इस प्रमाण पत्र को बीटेट के लिए निर्गत प्रमाण पत्र की अवधि, जैसे मई 2012 के प्रभाव से ‘री वेलिड’ करते हुए उसे ‘ रीमेन वेलिड फॉर लाइफ’ किया जाता है. बता दें कि एनसीटीइ की तरफ से टीइटी प्रमाण पत्र की वैधता को लाइफ टाइम किया गया था. एनसीटीइ ने ही राज्य सरकार को पत्र लिख कर राज्य स्तरीय पात्रता परीक्षा प्रमाण पत्र की वैधता को लाइफ टाइम करने के लिए कहा था. इस आशय का आदेश सभी नियोजन इकाइयों को भी भेज दिया गया है.
Source : News18