माता-पिता के लिए अपना बच्चा अनमोल रत्न होता है। लेकिन, इस पवित्र रिश्ते को कलंकित करने का मामला प्रकाश में आया है। अपने ही अबोध बच्चे की बोली लगाकर बेचने की कोशिश की। संयोग था कि पूरी घटना की जानकारी बच्चे के दादा को मिली और वे जान पर खेलकर अपने पौत्र को सही सलामत बचा लिया। आरोपित फिर से अपने बच्चे को बेचने की कोशिश नहीं करें इसे लेकर संत विचारधारा के दादा सदर थाने क्षेत्र के एकभिंडा निवासी बाबू प्रसाद यादव की शिकायत पर नगर एसपी योगेंद्र कुमार ने संज्ञान लिया है।

उन्होंने इस आरोप को संगीन बताते हुए सदर थानाध्यक्ष को जांच कर कार्रवाई का आदेश दिया है। कहा कि आरोप सत्य पाए जाने पर आरोपी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पीड़ित वृद्ध ने अपने पुत्र अशोक यादव और पुत्रवधू रेणु देवी पर सात वर्षीय पुत्र सूरज की बिक्री की कोशिश करने का आरोप लगाया है। कहा कि तीन माह पहले पति-पत्नी ने मिलकर अपने दो दिन के नवजात बच्चे को 80 हजार रुपये में बेचकर एक टेंपो खरीद लिया और अब बड़े पुत्र सूरज को बेचने की कोशिश कर रहा है।

जब सूरज नवजात की स्थिति में था तो उसे मात्र दो हजार में मधुबनी जिले के पंडौल निवासी एक शख्स से बेच दिया था। पता चलने पर दादा खरीदार को दो हजार रुपये देकर सूरज को वापस लाया था। फिलहाल आवेदक वृद्ध अपने पौत्र सूरज को पुत्र-पुत्रवधू से बचाकर मंदिर पर छुपाकर रखता है। इधर, सूरज ने भी बताया कि उसके छोटे भाई को बेच दिया गया। अब उसे बेचने की कोशिश हो रही है। इस डर से अपने दादा के पास ही रहता है।

I just find myself happy with the simple things. Appreciating the blessings God gave me.