नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के वि’रोध में बिहार बंद के अगले दिन रविवार को राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी भावनाओं का इजहार किया है।
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उन्होंने ट्वीट करके संकेतों में नागरिकता कानून से संबंधित केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाया है। लालू ने कविता के जरिए अपने वि’रोधियों से पूछा है कि वतन को पतन के रास्ते पर क्यों ले जा रहे हो। प्रेम, अमन और भाईचारे के जोड़ को क्यों तोड़ रहे हो? राजद प्रमुख ने अपने राजनीतिक वि’रोधियों को सबसे मिलने, सबकी सुनने और प्रेम से बातें कहने-सुनने की नसीहत दी है। लालू ने केंद्र सरकार को संकेतों में राजधर्म भी बताया है। उन्होंने कहा कि सबको गले से लगाने और लग जाना ही धर्म-कर्म है। देश को बड़ी मेहनत और मुश्किल से सींच कर ब’लिदानियों ने चमन बनाया है।
राजद सुप्रीमो लालू ने अपने ट्वीट में लिखा –
‘वतन को पतन की राह पर क्यूँ मोड़ रहे हो?
प्रेम अमन भाईचारे के जोड़ को क्यूँ तोड़ रहे हो ?
सबसे मिलो, सबकी सुनो
प्रेम से बात कहो, प्रेम से बात करो
लगाओ गले से सबको
लग जाओ किसी के गले से,
यही धरम है, इसे ही करम बनाओ …
बड़ी मेहनत, मुश्किल और बलिदानों से
सींचा हुआ यह चमन है हमारा’
वतन को पतन की राह पर क्यूँ मोड़ रहे हो?
प्रेम अमन भाईचारे के जोड़ को क्यूँ तोड़ रहे हो ?
सबसे मिलो, सबकी सुनो
प्रेम से बात कहो, प्रेम से बात करो
लगाओ गले से सबको
लग जाओ किसी के गले से,
यही धरम है, इसे ही करम बनाओ …
बड़ी मेहनत, मुश्किल और बलिदानों से सींचा हुआ यह चमन है हमारा pic.twitter.com/wGkh7x6uH3— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 22, 2019
भाजपा ने किया पलटवार
इस पर भाजपा ने लालू को करारा जवाब दिया है। नीतीश कैबिनेट में शामिल भाजपा के स्वास्थ्य मंत्री मंगलवार पांडेय ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के ट्वीट पर पलटवार किया है। पांडेय ने कहा कि उपदेश देने से पहले लालू प्रसाद अपने बेटे और अपनी पार्टी नेताओं को इस पर अमल करना सिखाएं। फिर सद्भाव का ढिंढोरा पीटें। उन्होंने कहा हैं कि आज जिस प्रेम और भाईचारा का ढोंग रच लालू घडिय़ाली आंसू बहा रहे हैं। अगर अपने शासनकाल में इसे जमीन पर उतारते तो बिहार की तस्वीर कुछ और होती। धर्मनिरपेक्षता का चोला ओढ़ ये लोग सीएए और एनआरसी को लेकर प्रवचन दे रहे हैं, लेकिन शांति के लिए एक शब्द बोलने के लिए तैयार नहीं हैं। उल्टे लोगों को भ्रम में रख देश का माहौल खराब करने की असफल कोशिश कर रहे हैं।
Input : Dainik Jagran