हाल के दिनों में हुईं बड़ी आपराधिक घटनाओं में नाबालिग बदमाशों की भूमिका सामने आने के बाद पुलिस कार्रवाई तेज कर दी गई है। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि कुछ ऐसी घटनाएं हुईं हैैं जिनमें पर्यवेक्षण गृह में बंद बाल बंदी शामिल रहे। इस तथ्य के सामने आने के बाद मुजफ्फरपुर के पुलिस महानिरीक्षक गणेश कुमार ने मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर व वैशाली के एसपी को आवश्यक निर्देश दिए हैं।

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आइजी ने एसपी को कहा है कि अपने-अपने पर्यवेक्षण गृह पर नजर रखें। यहां रह रहे बाल बंदियों की अद्यतन स्थिति का जायजा लें। पता लगाएं कि कौन कब पर्यवेक्षण गृह आया। आने के वक्त उसकी उम्र क्या थी। कितने साल से वह यहां हैै। वर्तमान में उसकी उम्र क्या है। पर्यवेक्षण गृह लाते वक्त जिस प्रमाण-पत्र पर संबंधित को नाबालिग घोषित किया गया, उसे किसने जारी किया।आम तौर पर यह देखा जा रहा है कि विभिन्न स्कूलों से जारी प्रमाण-पत्रों के आधार पर अपराध के बाद संबंधित को नाबालिग घोषित किया जाता है। ऐसे में प्रमाण-पत्रों की जांच जरूरी है। जांच के दौरान यदि प्रमाण-पत्र जारी करने में त्रुटि पाई जाती है तो संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करें। बताया गया है कि पर्यवेक्षण गृह से एक बाल बंदी अवकाश पर निकला और शिवहर में लूट की घटना को अंजाम देकर वापस लौट आया। इस तथ्य के सामने आने के बाद पुलिस हरकत में आई है और अपराध नियंत्रण में आ रही इस समस्या का स्थाई समाधान करने के लिए काम हो रहा है।

पुलिस महानिरीक्षक, मुजफ्फरपुर गणेश कुमार ने कहा कि पर्यवेक्षण गृह से अवकाश लेकर बाल बंदी द्वारा अपराध किए जाने की बात सामने आने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। चार जिलों के सभी एसपी को निर्देश दिया गया है। उम्र का गलत प्रमाण-पत्र जारी करनेवालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

Input: Dainik Jagran

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