तमिलनाडु के सुल्लुर जिले में चोरी की गई बाइक कूरियर से वापस मिली तो 34 साल के सुरेश कुमार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। दो हफ्ते पहले उनकी बाइक एक वर्कशॉप के दौरान पार्किंग से गायब हो गई थी। उन्होंने इसकी रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी लेकिन पुलिस ने कोविड-19 के मामले में फंसे होने का हवाला देते हुए लॉकडाउन के बाद इस पर कार्रवाई करने को कह दिया।

सुरेश कुमार इससे आश्वस्त नहीं हुए और उन्होंने अपने स्तर पर बाइक-चोरी की खोजबीन शुरू कर दी। उन्होंने आसपास के सारे सीसीटीवी फुटेज देख डाले। ऐसे ही एक फुटेज में उन्होंने बाइक पर किसी को सवार होते और उसे ले जाते देखा। उन्होंने वीडियो फुटेज को अपने फोन में ले लिया और आसपास के लोगों से बाइक चोर के बारे में पता लगाया। सुरेश ने बतयाा, जब मैंने वीडियो पड़ोसियों को दिखाया तो उन्होंने चोर को पहचान लिया।

पड़ोसियों ने की चोर की पहचान
सुरेश ने कहा कि किसी ने बताया कि यह मन्नारगुड़ी का रहने वाला पारसनाथ है, जो कन्नमपालयम पिरिवु की एक बेकरी में काम करता है। मुझे पता चला कि वह अपने घर गया है। दरअसल थंजावुर जिले के मन्नारगुड़ी के रहने वाले पारसनाथ लॉकडाउन में फंस गए थे। जब कोई साधन नहीं मिला तो परेशान होकर उन्होंने कुमार की बाइक चुरा ली और उसे लेकर घर चले गए। बाद में जब उन्हें पता चला कि बाइक के मालिक ने उनकी पहचान कर ली है तो किसी प्रॉब्लम से बचने के लिए पारस ने बाइक वापस भेजने का फैसला किया।

मामला वापस लिया
इसके बाद पारसनाथ ने बाइक के कागज के अड्रेस पर उसे कूरियर कर दिया। कुमार ने बताया कि जब उन्हें कूरियर फर्म से फोन आया तो वह एकदम चौंक गए। उन्होंने कहा, मैं बहुत खुश हूं कि मेरी बाइक मुझे वापस मिल गई। हालांकि, ट्रांसपोर्टेशन चार्ज के तौर पर मुझे 1400 रुपये फर्म को देने पड़े लेकिन बाइक अच्छी हालत में है। कुमार ने बताया कि उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दे दी है और वह इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहते हैं।

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