देश में कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए जहां कई राज्यों और शहरों में लॉकडाउन जारी है वहीं कई राज्यों में कर्फ्यू तक लगा दिया गया है. इसके चलते कई निजी और सरकारी संस्थाओं के कर्मचारी अपने अपने दफ्तर नहीं जा पा रहे हैं और लोगों को नौकरी जाने का डर भी सता रहा है. ऐसे में देश में श्रम मंत्रालय ने अहम निर्देश दिया है जिसके जरिए लोगों को परेशानी न हो.
श्रम मंत्रालय ने सभी सरकारी और प्राइवेट कंपनियों से कर्मचारियों की नौकरी बहाल रखने और वेतन नहीं घटाने को कहा है. श्रम मंत्रालय ने छुट्टी लेने पर भी कर्मचारियों के ड्यूटी पर माने जाने का निर्देश दिया है. इसके अलावा ईपीएफओ ने भी पेंशनर्स के लिए बड़ा निर्देश दिया है.
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को सोमवार को एक एडवाइजरी जारी की है. इसके तहत कहा गया है कि कोरोना वायरस या कोविड-19 की वजह से कर्मचारियों को नौकरी से न हटाया जाए और न ही उनकी सैलरी काटी जाए. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के सचिव की ओर से ये एडवाइजरी जारी की गई है.
इसमे कहा गया है कि इस समय अगर कोई कर्मचारी कोरोना वायरस संकट के कारण छुट्टी लेता है तो भी उसके ड्यूटी पर आने जैसा ही माना जाए और इसके तहत उसकी सैलरी नहीं काटी जाए. इसके अलावा अगर कोई दफ्तर इस आफत के कारण बंद होता है तो ये माना जाए कि उसके कर्मचारी ड्यूटी पर हैं.
ईपीएफओ ने ईपीएस पेंशनर्स की पेंशन समय पर देने का निर्देश दिया
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए ईपीएस (कर्मचारी पेंशन योजना) के तहत आने वाले 65 लाख पेंशनभोगियों को समय पर मासिक पेंशन का भुगतान करने का निर्देश दिया है. ईपीएफओ हर महीने ईपीएस के तहत 65 लाख से ज्यादा पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान करता है.
श्रम मंत्रालय के बयान के मुताबिक ‘‘कोरोना वायरस महामारी के कारण देश के विभिन्न भागों में बंद (लॉकडाउन) की घोषणा की गयी है. मौजूदा स्थिति में पेंशनभोगियों को किसी प्रकार की समस्या नहीं हो, इसके लिये केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (सीपीएफसी) ने ईपीएफओ के 120 क्षेत्रीय कार्यालयों को पेंशनभोगियों के ब्योरे और पेंशन राशि 25 मार्च 2020 तक मिलान करने और सृजन करने को कहा है. ’’
सीपीएफसी ने यह भी कहा है कि पेंशन बैंकों को पहले ही भेजा जाना चाहिए ताकि पेंशनभागियों की मासिक पेंशन समय पर भुगतान हो सके.
Input : ABP News