लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद से कई तरह की मुश्किलों और परिवर्तनों के दौर से गुजर रहे राजद के राज्यसभा में अच्छे दिन आने वाले हैं। पांच साल पहले बिहार से राज्यसभा में राजद की मौजूदगी शून्य हो गई थी, जो अब बढ़कर पांच होने वाली है।

विधानसभा में संख्या बल के आधार पर राज्यसभा में जदयू और भाजपा को एक-एक सीट का नुकसान होना तय है। चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद राजद की ताकत जदयू के बराबर हो जाएगी। उच्च सदन में दोनों दलों के बिहार से पांच-पांच सदस्य हो जाएंगे, जबकि भाजपा के तीन, लोजपा और कांग्र्रेस के एक-एक सदस्य रहेंगे।

राज्यसभा में बिहार की 16 सीटें हैं। इनमें अभी शरद यादव की एक सीट कानूनी पचड़े के कारण खाली है। इस तरह कुल 15 सदस्यों में छह जदयू, चार भाजपा, तीन राजद एवं एक-एक कांग्र्रेस और लोजपा के हैं। इनमें पांच सीटें नौ अप्रैल को खाली होने वाली हैं। सभी राजग के हिस्से की हैं। तीन जदयू और दो भाजपा की।

विधानसभा में सदस्यों की संख्या और उनके वोटों के महत्व के मुताबिक जदयू अपनी दो सीटें और भाजपा अपनी एक सीट आसानी से बचा लेगी। फायदा राजद को होगा। खाली होने वाली सीटों के लिए चुनाव की प्रक्रिया मार्च में पूरी कर ली जाएगी।

जीत के लिए चाहिए 41 विधायक 

243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में राजद के 81, जदयू के 69, भाजपा के 54 और कांग्र्रेस के 26 सदस्य हैं। राज्यसभा में चुने जाने के लिए प्रत्येक उम्मीदवार को 41 सदस्यों की प्रथम वरीयता का वोट चाहिए। इस हिसाब से राजद को अपने बूते दो सीटों पर जीत के लिए महज एक अतिरिक्त वोट की दरकार होगी।

कांग्रेस की मदद से यह आंकड़ा आसानी से पार किया जा सकता है। राजद ने पिछली बार कांग्र्रेस को एक सीट जीतने में मदद की थी। इसी तरह भाजपा और जदयू एकजुट होकर तीन सीटें आसानी से निकाल लेंगे। इसके लिए दोनों को कोई खास उपक्रम नहीं करना होगा।

किस-किस का टर्म हो रहा पूरा 

जदयू के तीन सदस्यों में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, कहकशां परवीन एवं रामनाथ ठाकुर तथा भाजपा के डॉ. सीपी ठाकुर और आरके सिन्हा शामिल हैं। राजद के झारखंड कोटे से प्रेमचंद गुप्ता की सीट भी खाली होने वाली है।

राजद प्रमुख लालू प्रसाद की ओर से अगर उन्हें दोबारा मौका दिया गया और झारखंड में गठबंधन के दल अगर सहमत हुए तो राज्यसभा में राजद के सदस्यों की संख्या छह भी हो सकती है। हालांकि झारखंड चुनाव में राजद को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली है। ऐसे में लालू की मुराद के पूरी होने की संभावना बहुत कम है।

विधानसभा में दलों की हैसियत  

राजद : 81

जदयू : 69

भाजपा : 54

कांग्र्रेस : 26

माले : 3

लोजपा : 2

हम : 1

आइआइएम : 1

निर्दलीय : 4

Input : Dainik Jagran

 

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