बिहार में दरभंगा सीट पर कांग्रेस का मामला फंसता नजर आ रहा है। बीजेपी से कांग्रेस में आए सांसद कीर्ति आजाद की दरभंगा से उम्मीदवारी संदिग्ध हो गई है। खासकर महागठबंधन में शामिल विकासशाील इंसान (वीआइपी) पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक मुकेश सहनी के बयान के बाद इसके संकेत मिल रहे हैं। हालांकि जब तक सीटों का फैसला अधिकृत रूप से सामने नहीं आ जाता है, तब तक न इस पर कांग्रेस कुछ बोल रही है और न ही राजद का कोई बयान आ रहा है। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी भी दिल्ली से पटना लौट आए हैं। मांझी ने साफ कर दिया कि महागठबंधन में कोई विवाद नहीं है।
इधर दिल्ली से पटना लौटे वीआइपी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक ने जागरण से बात करते हुए कहा कि महागठबंधन में सीट बंटवारे का मामला लगभग तय हो गया है। इसमें कोई प्रॉब्लम नहीं है। उन्होंने यह भी दावा किया कि हमने जितनी सीटें मांगी थीं, उस पर सहमति बन गई है। जल्द ही यह एलान होगा कि उनकी पार्टी किन सीटों से अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेगी।
सहनी ने एक प्रश्न पर कहा कि दरभंगा सीट को लेकर महागठबंधन में कोई विवाद नहीं है। बैठक में तय हुआ है कि दरभंगा सीट से या तो राजद का प्रत्याशी होगा या फिर वीआइपी का। इस सीट का फैसला राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की सहमति के आधार पर होगा। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा प्रमुख जीतनराम मांझी से जुड़े एक सवाल पर सहनी ने कहा कि मांझी की जो मांग थी, उसे पूरा किया गया है। एक पसंदीदा सीट को लेकर विवाद है, लेकिन यह मामला भी जल्द ही निपटा लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे को लेकर प्रारंभ से ही कोई विवाद नहीं था। मांझी ही नहीं, रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने भी जो सीटें मांगी थीं, उन पर महागठबंधन ने मुहर लगा दी है। रालोसपा और हम की तरह वीआइपी को भी उसकी मांग के अनुरूप सीटें दी गई हैं। हालांकि सहनी ने यह बताने से इन्कार किया कि वीआइपी को कुल कितनी सीटें दी गई हैं।
मांझी भी दिल्ली से लौटे पटना
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी भी पटना लौट आए हैं। उनकी नाराजगी दूर हो गई है। महागठबंधन में सीट बंटवारे से पहले अपनी नाराजगी जाहिर करते रहनेवाले मांझी ने कहा कि महागठबंधन में सब ठीक है। जल्द ही महागठबंधन के नेता संयुक्त रूप से एकत्र होकर उम्मीदवारों का एलान कर देंगे। हालांकि मांझी ने यह बताने से साफ मना किया कि किस पार्टी को कितनी सीटें दी गई हैं।
Input : Dainik Jagran