नई दिल्ली.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया है कि एमएसएमई को 3 लाख करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की जाएगी. इन कारोबारियों को 4 साल तक बिना गारंटी के कर्ज मिलेगा. इस कदम से 45 लाख छोटी कंपनियों को फायदा मिलेगा.

वित्त मंत्री ने बाताया लंबे सुझावों के बाद ये पैकेज बनाया गया है. इस पैकेज का मकसद भारत को आत्मनिर्भर बनाना है. लैंड, लेबर लिक्विडिटी, लॉ पैकेज के आधार हैं. PM मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का विजन रखा है.  गरीबों के लिए कई स्कीम और रिफॉर्म लाए गए.लोगों के खातों में सीधे पैसे पहुंचा रहे हैं.

देसी ब्रैंड्स को ग्लोबल ब्रैंडस बनाने पर जोर-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया देसी ब्रैंड्स को ग्लोबल ब्रैंड्स बनाने पर जोर है.

आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में अर्थव्यवस्था के रिवाइवल के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की. यह पैकेज देश की जीडीपी का 10 प्रतिशत है. वित्त मंत्री इस राहत पैकेज में किस वर्ग को कितनी राहत मिलेगी, इसकी जानकारी देगी. ये आर्थिक पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा. इस विशेष आर्थिक पैकेज में भूमि, श्रम, नकदी और कानून पर जोर दिया जाएगा.

भारत का कोरोना राहत पैकेज दुनिया के सबसे बड़े पैकेज में से एक
जापान और अमेरिका के बाद स्वीडन ने अपनी जीडीपी का 12 फीसदी, जर्मनी ने 10.7 फीसदी के राहत पैकेज का ऐलान किया है. भारत का कोरोना राहत पैकेज इसकी जीडीपी का 10 फीसदी है.

भारत के बाद फ्रांस ने जीडीपी के 9.3 फीसदी, स्‍पेन ने 7.3 फीसदी, इटली ने 5.7 फीसदी, ब्रिटेन ने 5 फीसदी, चीन ने 3.8 फीसदी और दक्षिण कोरिया ने जीडीपी के 2.2 फीसदी के राहत पैकेज का ऐलान किया है.

लॉकडाउन में किसको, कितना नुकसान हुआ-

देशभर में जारी लॉकडाउन का तगड़ा झटका खुदरा कारोबारियों यानी ट्रेडर्स को लग रहा है. खुदरा कारोबारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) का कहना है कि बीते 50 दिन के लॉकडाउन में खुदरा व्यापारियों का करीब 7.50 लाख करोड़ रुपये का कारोबार नहीं हुआ है.

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