मुंबई. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने मुंबई एयरपोर्ट पर विदेशों से आने वाले यात्रियों (International Passengers) को क्वारंटाइन नियमों में छूट दी है. अब इन यात्रियों को अनिवार्य तौर पर इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन (Institutional Quarantine) में नहीं रहना होगा. दरअसल ये छूट इसलिए दी गई है कि इस वक्त ज्यादातर यात्री इमरजेंसी कारणों (Emergency Reasons) से यात्रा कर रहे हैं. ऐसे में अनिवार्य क्वारंटाइन नियमों (Quarantine Rules) की वजह से उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए अब ऐसे यात्रियों को छूट दी जाएगी जिन्होंने 96 घंटों के भीतर अपना कोविड टेस्ट करवाया हुआ हो.

अब विदेश आने वाले किसी भी यात्री को यात्रा से 72 के भीतर का कोविड टेस्ट दिखाना होगा. ऐसे यात्रियों को महाराष्ट्र सरकार द्वारा लगाए गए इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन नियमों से छूट मिल जाएगी. गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार के नियमों के मुताबिक विदेशों से आने वाले सभी यात्रियों को दो चरणों में क्वारंटाइन रहना पड़ता है. इसके तहत सात दिन का इंस्टीट्यूशन क्वारंटाइन होता है और फिर सात दिनों तक होम क्वारंटाइन का नियम है. अब नए नियम के मुताबिक कोई यात्री कोविड टेस्ट दिखाकर इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन से बच सकता है.

हाल में बनाए गए डोमेस्टिक फ्लाइट्स के लिए नए नियम

करीब एक हफ्ते पहले कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए बृहन्मुंबई महानगरपालिका ने बड़ा फैसला लिया है. BMC ने मुंबई आने वाले लोगों के लिए होम आइसोलेशन और क्वारंटाइन के नियमों में बदलाव किया है. BMC की ओर से कहा गया है कि घरेलू विमान से मुंबई आने वाले सभी यात्रियों को अनिवार्य रूप से 14 दिनों तक होम आइसोलेशन में रहना होगा.

क्यों लिया गया फैसला

मुंबई आने वाले यात्रियों को अनिवार्य रूप से 14 दिन के क्वारंटाइन में भेजने के पीछे महाराष्ट्र सरकार का तर्क है कि इससे कोरोना वायरस के अधिक तेजी से फैलने पर रोक लगेगी. लेकिन BMC के इस फैसले को लोग सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले की सीबीआई (CBI) जांच से भी जोड़कर देख रहे हैं. उनका कहना है कि CBI जांच को लटकाने के लिए महाराष्ट्र सरकार की तरफ से BMC ने 14 दिनों के क्वारंटाइन को अनिवार्य किया है.

Input : News18

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