बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दूसरे चरण के मतदान से पहले नेता और प्रत्याशी जमकर प्रचार कर रहे हैं। इस दौरान कई अनचाही चीजें भी हो जा रही हैं। इसी तरह का एक नजारा देखने को मिला दरभंगा में। जिले की जाले विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी जब मंच से बोल रहे थे कि ‘लोकतंत्र में जनता सब समझती है, किसको कब उठाना है और किसको कब गिराना है।’ तभी उनका मंच टूट गया और वे गिर पड़े।

जाले विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी ने अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मशकूर उस्मानी को अपना उम्मीदवार बनाया है। मशकूर अपने क्षेत्र में वोट मांगने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने एक जनसभा को भी संबोधित किया। जब वे मंच से बोल रहे थे कि लोकतंत्र में पांच साल में सरकार चुनने का मौका मिलता है। जनता के हाथ में है कि किसको कब उठाना है और किसको कब गिराना है। जैसे ही उनका गिराने वाला शब्द खत्म हुआ, उस्मानी का मंच भी ठीक उसी समय गिर गया और वे मंच के साथ-साथ नीचे आ गए।

कौन हैं कांग्रेस उम्मीदवार मशकूर उस्मानी?

डॉ मशकूर उस्मानी मूल रूप से दरभंगा जिले के रहने वाले हैं। वह 2017 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से छात्रसंघ चुनाव जीते थे। इसके बाद वह चर्चा तब आए जब 2018 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के हॉल में मोहम्‍मद अली जिन्‍ना की तस्‍वीर पाई गई। भाजपा सांसद ने कुलपति को चिट्ठी लिखकर इस पर आपत्ति जताई थी। हिन्‍दू युवा वाहिनी ने तस्वीर हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया था। एएमयू में इसको लेकर जमकर हंगामा हुआ था। लाठीचार्ज भी करना पड़ा था। तब छात्रसंघ अध्यक्ष रहे उस्मानी ने बाद में कहा था कि वह जिन्ना की विचारधारा के खिलाफ हैं लेकिन जिन्ना देश के एक ऐतिहासिक तथ्य हैं।

उस्मानी के इसी बयान को लेकर उनपर जिन्ना समर्थक होने का आरोप लगा। कांग्रेस पार्टी ने जब उन्हें दरभंगा की जाले विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया तब भाजपा और जदयू ने इसको लेकर राजद व कांग्रेस पर निशाना भी साधा था।

सोर्स : हिंदुस्तान

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