पूर्णिया. आपने कभी सुना है कि कोई बाघ (Tiger) के मुंह में घुस कर अपना काम कर आए और उसे कोई नुकसान न पहुंचे. लेकिन यह सच है. रूफस ट्रीपी (Rufous treepie) नामक एक चिड़िया (Bird) बाघ के मुंह में भी घुसती है और वहां से अपना भोजन कर आसानी से निकल भी जाती है. इस दौरान बाघ भी उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है. इन दिनों यह चिड़िया पूर्णिया और उसके आसपास के इलाकों में काफी दिखाई दे रही है. पूर्णिया के लिए यह एक प्रवासी चिड़िया है जो अन्य पक्षियों के साथ कुछ दिनों के लिए यहां पहुंचती है.

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बड़ा फुर्तिला है स्वभाव

महाराष्ट्र के पक्षीविद् और पर्यावरण प्रेमी अरविंद जोशी ने इस चिड़िया की पहचान कर इसकी जानकारी दी. जोशी के अनुसार, यह चटकीलें रंगों में पाई जाती है और इसकी पूंछ काफी लंबी होती है. उन्होंने बताया कि इसी चोंच भी अलग किस्म की होती है. यह काफी तेजी से एक डाल से दूसरी पर फुदकती है. यह आहार के तौर पर बाघ के दांतों के बीच फंसे मांस के टुकड़ों को खाती है और जिन इलाकों में बाघ नहीं होते वहां पर ये कीट पतंगों और फलों को आहार बनाती है.

बाघ की डेंटिस्ट

रामनगर के पक्षिविद् हिमकर मिश्रा ने बताया कि रूफस ट्रीपी को बाघ की डेंटिस्ट भी कहा जाता है. यह बाघ के दांतों में फंसे मांस के टुकड़ों को अपना आहार बनाती है. इससे बाघ को भी काफी आराम मिलता है, जिसके चलते वह इसे आसानी से यह काम करने देता है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह दिखने में भी काफी सुंदर होती है और इसके साथ ही यह बिहार के इलाकों में काफी कम देखने को मिलती है, लेकिन इन दिनों ये पूर्णिया और आसपास के इलाकों में बहुतायत में दिख रही है.

Input : News18

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